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बिहार चुनाव में सपा की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शिवपाल यादव का नाम गायब, क्या आजम खान करेंगे प्रचार?

 

Shivpal Singh Yadav

UP News: यूपी Tak के खास शो 'आज का यूपी' में हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश से जुड़ी तीन बड़ी और दिलचस्प खबरों की. सबसे पहले संभल के पूर्व एएसपी अनुज चौधरी को उसी यूट्यूबर का 'धमकी भरा' दूसरा कॉल आया, जिसे उन्होंने कभी जेल भेजा था. क्या है इस यूट्यूबर और पुलिस अधिकारी की बढ़ती कानूनी जंग की कहानी? इसके अलावा, बिहार में महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री पद के ऐलान ने यूपी से लेकर बिहार तक मुस्लिम पॉलिटिक्स को कैसे गरमा दिया है? AIMIM नेताओं ने कैसे तेजस्वी यादव और कांग्रेस को घेरा और क्यों कहा गया कि '2% वाला डिप्टी सीएम बनेगा, और 18% वाला दरी बिछाएगा'? अंत में जानिए बिहार विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची जारी हो गई है, जिसमें आजम खान का नाम तो है लेकिन दोनों शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव का नाम गायब है. बिहार चुनाव में इस लिस्ट के क्या हैं सियासी मायने? आइए, विस्तार से जानते हैं इन तीनों बड़ी खबरों को. 

खबर 1: समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारक लिस्ट से 'चाचा' गायब; आजम खान करेंगे बिहार में प्रचार?

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में पार्टी के बड़े नेताओं के नाम तो शामिल हैं, लेकिन दो बेहद महत्वपूर्ण पारिवारिक और राजनीतिक सदस्य गायब हैं.

कौन हैं लिस्ट में, कौन नहीं?

स्टार प्रचारकों की सूची में अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव का नाम सबसे ऊपर है. हालांकि, अखिलेश यादव के परिवार से जुड़े महत्वपूर्ण सदस्य शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है. पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे और वरिष्ठ नेता आजम खान का नाम प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया गया है. अन्य प्रमुख नेताओं में इकरा हसन, राजीव राय, अफजाल अंसारी, और अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद का भी नाम शामिल है.

क्या हैं लिस्ट के राजनीतिक मायने?

शिवपाल यादव का नाम लिस्ट से नदारद रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह पहले भी महागठबंधन के आयोजनों में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजे जाते रहे हैं. राम गोपाल यादव अक्सर यूपी से बाहर स्टार कैंपेनिंग में शामिल नहीं होते, लेकिन शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी पारिवारिक सामंजस्य पर सवाल खड़े करती है.

आजम खान का नाम लिस्ट में शामिल होना बड़ी बात है, लेकिन यह सवाल भी बना हुआ है कि क्या वह वास्तव में बिहार जाकर प्रचार करेंगे. जब वह उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए सक्रिय रूप से खड़े नहीं दिख रहे हैं, तो बिहार जाकर प्रचार करने की उम्मीद कम दिखाई देती है. इस लिस्ट को समाजवादी पार्टी ने एक सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश के तहत तैयार किया है, जिसमें विभिन्न समुदायों के नेताओं को शामिल किया गया है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव बिहार में कब और कहां चुनावी सभाएं करेंगे, इसकी तैयारी चल रही है.

खबर 2: बिहार चुनाव में AIMIM क्यों कह रही '18% वाला दरी बिछाएगा' वाली बात?

बिहार में महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) द्वारा मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही यह मुद्दा अब उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक की मुस्लिम पॉलिटिक्स में छा गया है. मुस्लिम समुदाय की राजनीति करने वाले दलों और AIMIM सरीखे नेताओं ने इस ऐलान को लेकर तेजस्वी यादव और कांग्रेस पर हमला बोल दिया है.

AIMIM के नेता और प्रवक्ता असीम वकार ने इस ऐलान पर सीधे सवाल उठाया है. उनका कहना है कि जिस मल्लाह बिरादरी का प्रतिनिधित्व मुकेश सहनी करते हैं, उसकी आबादी को 2 से 5 प्रतिशत बताया जाता है. असीम वकार ने पूछा कि 13% वाले यादव (तेजस्वी) 2% या 6% वालों को डिप्टी सीएम बनाने का वादा कर रहे हैं, लेकिन 18% आबादी वाले मुसलमानों से सिर्फ यह कह रहे हैं कि "तुम हमको वोट दो, हम तुमको बीजेपी से बचा लेंगे."

वकार ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, "तेरह परसेंट वाले यादव जी... अठारह परसेंट मुसलमानों से कह रहे हैं कि तुम हमको वोट दो, हम तुमको बीजेपी से बचा लेंगे. यादव जी, अब आप हमें न बचाइए, दरअसल अब हम आपको बचाएंगे." AIMIM का कहना है कि क्या 18% आबादी वाला मुस्लिम समाज दरी बिछाएगा, जबकि 2-3% आबादी वाले लोग उपमुख्यमंत्री के उम्मीदवार बन रहे हैं?

महागठबंधन का बचाव और सियासत

मुकेश सहनी समेत महागठबंधन के कई नेता अब डैमेज कंट्रोल के तहत बयान दे रहे हैं. सहनी ने खुद कहा कि मुसलमान भी उपमुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन उन्होंने AIMIM पर हमला करते हुए कहा कि अति पिछड़ा का बेटा (मल्लाह) डिप्टी सीएम बन रहा है, तो उन्हें इतना दर्द क्यों हो रहा है. सहनी ने बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे अल्पसंख्यक भाई के लिए फिक्र करेंगे और बीजेपी को नफरत की राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह मुद्दा इसलिए भी बड़ा हो गया है क्योंकि सामाजिक समीकरणों के तहत मुस्लिम वोटबैंक महागठबंधन को एकमुश्त वोट करता रहा है. मुस्लिम समुदाय को लगता है कि इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद डिप्टी सीएम नामित करने की बारी आने पर उनका कोई चेहरा सामने क्यों नहीं आया.

खबर 3: संभल के पूर्व ASP अनुज चौधरी को 'जेल भेजूंगा' कहकर यूट्यूबर ने किया दोबारा कॉल

संभल में तैनात रहे ASP अनुज चौधरी और एक यूट्यूबर के बीच चल रहा विवाद अब एक कानूनी जंग का रूप लेता जा रहा है. अनुज चौधरी को एक बार फिर उसी यूट्यूबर मशकूर रजा का फोन आया, जिसे उन्होंने पहले कथित धमकी के आरोप में जेल भेजा था. यूट्यूबर मशकूर रजा ने जेल से बाहर आने के बाद दूसरी बार अनुज चौधरी को फोन किया. ध्यान रहे अनुज चौधरी का तबादला अब संभल से फिरोजाबाद हो चुका है, लेकिन मशकूर ने उन्हें कॉल किया.

कॉल के दौरान मशकूर ने अपनी 'व्यथा' सुनाते हुए दावा किया कि महज एक इंटरव्यू मांगने की वजह से उसके साथ अत्याचार, मारपीट की गई. उसे जेल भेजा गया और उसका करियर खराब कर दिया गया. ऑडियो कॉल में मशकूर ने अनुज चौधरी से कहा, "अब मैं तुम्हें जेल भेजूंगा और दिखाऊंगा कि संविधान की ताकत होती क्या है." इस कॉल को धमकी भरा कॉल भी कहा जा रहा है.

मशकूर ने दावा किया कि 24 नवंबर की संभल हिंसा के बाद उसने यूट्यूबर के नाते अनुज चौधरी से एक इंटरव्यू की मांग की थी. जब उन्होंने मना किया तो मशकूर ने कथित रूप से कहा था कि 'क्या मुख्यमंत्री से फोन करा दूं?' जिसके बाद विवाद बढ़ा, उस पर मुकदमा दर्ज हुआ और वह जेल गया. अपने दूसरे कॉल में मशकूर ने पुलिस अधिकारी पर प्रताड़ित करने और मारपीट करने का भी आरोप लगाया. यूट्यूबर ने इस पूरे मामले को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है और अब वह कानून के सहारे अनुज चौधरी पर कार्रवाई करने की बात कह रहा है. पुलिस इस दूसरे कॉल पर क्या कार्रवाई करती है, यह देखना बाकी है.

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