Shimla: विद्यार्थियों को नहीं मिला पीने को साफ पानी, खेल से स्वास्थ्य योजना भी नहीं हो पाई शुरू

साल 2019 के बजट भाषण में शिक्षा विभाग के लिए हुईं दो बड़ी घोषणाएं अभी तक फाइलों में बंद हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के एक साल बाद भी न तो सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पीने के लिए साफ पानी मिला और न खेल से स्वास्थ्य योजना शुरू हो पाई है। अटल निर्मल जल योजना में सरकारी स्कूलों में वाटर फिल्टर लगाए जाने थे। खेल से स्वास्थ्य योजना में स्कूल-कॉलेजों में खेल उपकरण उपलब्ध करवाने थे, लेकिन अफसरशाही की लचर कार्यप्रणाली के चलते दोनों योजनाएं अधर में फंसी हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ने अपने दूसरे बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों को पीने के लिए साफ पानी मिलेगा। अटल निर्मल जल योजना में सूबे के सभी सरकारी स्कूलों में वाटर फिल्टर लगाने की घोषणा की थी। अभी स्कूलों में वाटर फिल्टर नहीं लगे हैं। बच्चे अभी भी घरों से साफ पानी ला रहे हैं।
उधर, मुख्यमंत्री ने खेल से स्वास्थ्य योजना शुरू करने का एलान भी बीते साल किया था। स्कूलों और कॉलेजों में खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाना है। 50 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और 50 कॉलेजों में कबड्डी मैट, रेसलिंग मैट तथा जूड़ो मैट लगाने थे।
चिन्हित स्कूलों-कॉलेजों में ट्रैक और फील्ड, बॉक्सिंग रिंग व वेट लिफ्टिंग के उपकरण देने थे, लेकिन यह योजना भी फाइलों में बंद है। आवासीय सुविधा वाले 15 अटल आदर्श विद्या केंद्र भी नहीं खुल सके हैं। 2018-19 के दौरान सरकार ने दस केंद्र खोलने की घोषणा की थी। यह भी पूरी नहीं हो सकी है।
उधर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि खेल से स्वास्थ्य योजना में खेल उपकरणों की खरीद को ऑर्डर कर दिया है। जल्द स्कूल-कॉलेजों में सप्लाई पहुंचाई जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जमवाल ने बताया कि वाटर फिल्टर को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ आपत्तियां लगाई हैं। मामला सरकार के विचाराधीन है।
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