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कुदरत के कहर से सहमे लोग, जगह-जगह लैंडस्लाइडिंग से नुकसानकुदरत के कहर से सहमे लोग, जगह-जगह लैंडस्लाइडिंग से नुकसान

 

शिमला-सोलन में बारिश से तबाही का मंजर

कुदरत के कहर से सहमे लोग, जगह-जगह लैंडस्लाइडिंग से नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मानसून से पहले बारिश ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। शिमला और सोलन में हुई भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। वहीं, भूस्खलन से मलबा सडक़ों पर आने से कुछ समय के लिए गाडिय़ों की आवाजाही ठप हो गई। उधर,जुन्गा रोड पर बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया। इसके अलावा शिमला जिला में जगह-जगह भूस्खलन से आठ गाडिय़ों को नुकसान पहुंचा है। शहर के मल्याणा, चमियाना, भ_ाकुफर व मिनी कुफ्टाधार सहित अन्य स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। शहर के साथ लगते पंचायती क्षेत्र चमियाना में तीन गाडिय़ां मलबे में दब गईं। भ_ाकुफर एनएच पर खड़ी गाडिय़ों पर चट्टानें गिरने से नुकसान हुआ है। मलबे से दो गाडिय़ां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं,जबकि एक अन्य को भी नुकसान पहुंचा है। मल्याणा में भी सडक़ किनारे खड़ी दो कारों पर मलबा गिरने से नुकसान हुआ है। टुटीकंडी के पांजणी में दो कारें मलबे में दब गईं।

सात दिन भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में सात दिनों तक भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही अंधड़ चलने का अलर्ट है। विभाग के अनुसार अगले दो दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश के शेष भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढऩे के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। चार जुलाई तक बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहने का पूर्वानुमान है।

कुनिहार के गंभरपुल पर भूस्खलन से गिरा मलबा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-कुनिहार

कुनिहार व आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर कहर बरपाया है। इस बारिश के चलते कुनिहार-नालागढ़ मार्ग पर गंभरपुल के समीप एक बार फिर भूस्खलन हुआ, जिससे भारी मलबा सडक़ पर आ गया और बड़े-बड़े पत्थर पुल पर आ गिरे। जिस कारण यह मार्ग काफी देर के लिए बंद रहा। मलबा आने की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग ने अपनी मशीनरी व कर्मचारियों को मौके के लिए रवाना कर दिया था। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण सहमे हुए हैं। विशेषकर कुनिहार-नालागढ़ मार्ग पर गंभरपुल व ज्यावला गांव के लोगों की नींदे भी हराम हो गई हैं। गुरुवार रात हुई तेज बारिश से गंभर पुल में एक बार फिर भारी मलबा आ गया। लगातार हो रहे इस भूस्खलन से शिमला-नालागढ़ मुख्य सडक़ मार्ग को जोडऩे वाले इस पुल का अस्तित्व खतरे में आ गया है। बारिश के कारण रात को इस स्थान पर एक शौचालय भी माटियामेट हो गया। सडक़ व पुल के नजदीक निर्मित दो बहुमंजिला इमारतों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है।

कुनिहार-नालागढ़ सडक़ पर थमे पहिए

गंभरपुल के साथ लगती ऊंची पहाडिय़ों पर ज्यावला गांव को भी खतरा मंडराने लगा है। पुल पर भी मलबा व बड़े-बड़े पत्थर गिर गए, जिससे मार्ग बिलकुल बंद हो गया। बता दें कि बीते सोमवार को भी कुनिहार-नालागढ़ मार्ग पर गंभरपुल के पास इसी स्थान पर बादल फटने से पहाड़ों से टनों मलबा सडक़ व पुल पर आ गया था। गनीमत यह रही थी कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था।

मानसून ने निपटने को हिमाचल तैयार

मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभी विभागों को अलर्ट रहने के दिए आदेश

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी विभागों को किसी भी संभावित प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए निरंतर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी विभागों के साथ समन्वय से कार्य कर रहा है। बीते वर्ष बरसात के मौसम के दौरान उत्पन्न स्थितियों के दृष्टिगत एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में चिन्हित किए गए विभिन्न स्थानों में पर्याप्त संख्या में श्रमशक्ति और मशीनरी तैनात की गई है। फील्ड स्टाफ और अन्य अधिकारियों को आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित प्रशिक्षण और मॉकड्रिल से समय-समय पर अभ्यास भी करवाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी प्राकृतिक आपदा की संभावित चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके दृष्टिगत विभिन्न स्तरों पर प्रभावी एवं सकारात्मक कदम उठाए हैं। आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत सभी जिलों के उपायुक्तों से निरंतर बैठकें आयोजित कर तैयारियों की समीक्षा भी की गई है। मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया है कि बरसात के मौसम में एहतियात बरतें और नदी-नाले के किनारे जाते समय विशेष रूप से सतर्क रहें।

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