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जम्मू में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया, कैप्टन दीपक सिंह बलिदान: अमेरिकी हथियार बरामद, सेनाध्यक्ष और NSA के साथ रक्षा मंत्री की बैठक

बलिदानी कैप्टन दीपक सिंह और आतंकियों से बरामद हथियार

स्वतंत्रता से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त 2024 को जम्मू-कश्मीर के डोडा में सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया है। हालाँकि, इस दौरान सेना के कैप्टन दीपक सिंह भी वीरगति को प्राप्त हो गए। ऑपरेशन के दौरान एक स्थानीय नागरिक के भी घायल होने की खबर है। खबर लिखे जाने तक सेना का ऑपरेशन जारी था। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने NSA और सेना प्रमुख से मुलाकात की है।

डोडा में असार फॉरेस्ट एरिया में चल रहे एनकाउंटर को कैप्टन दीपक सिंह लीड कर रहे थे। वे 48 राष्ट्रीय राइफल से हैं। टीम ने चार आतंकियों को मार गिराया है। उनके पास वअमेरिकी एम-4 राइफल, एके-47 राइफल और तीन बैग में भारी मात्रा में विस्फोटक मिले हैं। बता दें कि 16 जुलाई 2024 को भी डोडा के डेसा इलाके में मुठभेड़ के दौरान एक कैप्टन समेत 5 जवान बलिदान हो गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि सेना को जानकारी मिली कि शिवगढ़-अस्सार क्षेत्र में कुछ विदेशी आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस बीच घने जंगलों के बीच एनकाउंटर शुरू हो गया। इसी दौरान आतंकियों की गोली कैप्टन दीपक सिंह को जा लगी। उनके दाहिने सीने में तीन गोली लगी थी। उन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल लाया गया, जहाँ उन्होंने अंतिम साँसें लीं।

दीपक सिंह के बलिदान पर व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पर लिखा, “White Knight Corps के सभी अधिकारी बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च #बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। White Knight Corps गहरी संवेदना व्यक्त करता है और इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा है।” नॉदर्न कमांड ने भी दुख व्यक्त किया है।

जम्मू-कश्मीर की घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, थलसेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए। बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई है, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।

बताते चलें कि स्वतंत्रता दिवस से पहले कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू संभाग में सेना के लगभग 3000 जवानों और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के लगभग 2000 जवानों को तैनात किया गया है। वहीं, असम राइफल्स के भी लभग 2000 जवान तैनात हैं।

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