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भारत ने 1 दिन में गिने 64 करोड़ वोट, डोनाल्ड ट्रंप जीत गए पर 18 दिन में भी 1.5 करोड़ वोट गिन नहीं पाया है अमेरिका: जानिए एलन मस्क क्यों हुए भारतीय सिस्टम के फैन





मस्क ने हैरानी जताई और कहा कि भारत में 64 करोड़ मतों की गिनती एक दिन में, और यहाँ कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन में भी पूरी नहीं हो पाई।

एलन मस्क का नाम जब आता है, तो उनके हैरान करने वाले और कभी-कभी विरोधाभासी बयानों की चर्चा ज़रूर होती है।

अब उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली की तारीफ करते हुए इसे अमेरिका के लिए एक सबक बताया है। दरअसल, एक व्यक्ति ने लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के दौरान के एक समाचार का स्क्रीनशॉट शेयर किया था, जिसमें पूरे देश के लिए मतगणना एक ही दिन में समाप्त हो गई थी। इस पर मस्क ने हैरानी जताई और कहा कि भारत में 64 करोड़ मतों की गिनती एक दिन में, और यहाँ कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन में भी पूरी नहीं हो पाई।

यह वही मस्क हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर गंभीर सवाल उठाए थे और इसे चुनावी धांधली का कारण बताया था। इन दोनों बयानों को जोड़कर देखें तो मस्क की राय का यह विरोधाभास केवल उनका नजरिया ही नहीं, बल्कि तकनीकी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर बहस को भी उजागर करता है।

भारत के चुनाव तंत्र की तारीफ, कैलिफोर्निया पर साधा निशाना

एलन मस्क ने रविवार (24 नवंबर 2024) को भारत के चुनाव तंत्र की तेजी पर हैरानी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भारत ने एक दिन में 64 करोड़ वोट गिनकर परिणाम घोषित कर दिए, जबकि अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन बाद भी पूरी नहीं हो पाई। यह टिप्पणी अमेरिका के धीमे चुनावी तंत्र और भारत की तेज़ प्रक्रिया के बीच एक स्पष्ट तुलना है।

इस दौरान उन्होंने भारत की EVM आधारित प्रणाली को सराहा, जो इतने बड़े पैमाने पर तेज़ और सटीक चुनावी परिणाम देने में सक्षम है। मस्क की यह टिप्पणी महाराष्ट्र और झारखंड के हाल ही में संपन्न विधानसभा और उपचुनावों के संदर्भ में आई, जहां एक ही दिन में वोट गिने गए और परिणाम घोषित हुए।

मस्क के बयान का संदर्भ अमेरिका में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनावों से जुड़ा है। 5-6 नवंबर को मतदान हुआ था, लेकिन कई राज्यों में गिनती अब तक जारी है। जबकि भारत की EVM प्रणाली इस संदर्भ में कहीं अधिक तेज़ और प्रभावी नजर आती है।

मस्क ने पहले EVM को बताया था ‘खतरनाक’

अगर मस्क के कुछ महीने पहले के बयानों पर नजर डालें तो अक्टूबर 2024 में मस्क ने अमेरिका में एक टाउन हॉल में कहा था कि EVM चुनावों में धांधली का बड़ा माध्यम बन सकती हैं। उन्होंने डोमिनियन कंपनी की मशीनों का उदाहरण देते हुए फिलाडेल्फिया और एरिज़ोना में रिपब्लिकन पार्टी की हार को इन मशीनों से जोड़ा।

मस्क ने तब कहा था, “मैं तकनीक का हिस्सा हूँ, इसलिए मुझे पता है कि इसे हैक करना कितना आसान हो सकता है। EVM से चुनाव कराना खतरनाक है। हमें मतपत्रों पर वापस लौटना चाहिए, जहां गिनती भी हाथ से हो।”

भारत में EVM पर मस्क की नई राय: विरोधाभास या तारीफ?

मस्क के हालिया बयान और उनके पुराने विचार एक-दूसरे के विरोधाभासी लग सकते हैं, लेकिन गहराई से देखें तो वे अलग संदर्भों में दिए गए हैं। एलन मस्क ने भारत की EVM प्रणाली की तारीफ उसके तेज़ और सटीक परिणामों के लिए की। भारत में चुनाव प्रक्रिया का डिजिटलीकरण और इतने बड़े पैमाने पर इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना, विश्व के लिए एक मिसाल है। वहीं, मस्क का EVM के प्रति अविश्वास मुख्यतः अमेरिकी प्रणाली और डोमिनियन जैसी कंपनियों से जुड़ा है। उन्होंने अमेरिका में चुनावी पारदर्शिता पर सवाल उठाए, जो भारत की प्रणाली से बिल्कुल अलग है।

भारत और अमेरिका के चुनाव तंत्र में अंतर: EVM बनाम बैलट पेपर

भारत में EVM का उपयोग 2000 के दशक से हो रहा है, जो तेज़ और कुशल गिनती की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है। भारत की EVM प्रणाली में गिनती के दौरान गड़बड़ी की संभावना बेहद कम है। VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) जैसी तकनीकों ने इसे और अधिक पारदर्शी बनाया है।

वहीं, अमेरिका के अधिकांश राज्यों में अभी भी बैलट पेपर का उपयोग होता है, जिसमें गिनती की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो जाती है। अमेरिका में बैलट पेपर और गिनती के लंबे समय के कारण विवाद और संदेह पैदा होते हैं।

मस्क ने स्पष्ट किया कि अमेरिका को भारत की तरह तेज़ और प्रभावी चुनावी तंत्र अपनाने की आवश्यकता है। यह बयान अमेरिका के लोकतांत्रिक तंत्र के लिए एक प्रकार का ‘स्लो क्लैप’ जैसा है।

मस्क ने दिया भारत के लिबरलों को झटका?

एलन मस्क के ये बयान उन लिबरल लोगों के लिए भी एक झटका हैं, जो भारत की EVM प्रणाली पर सवाल उठाते रहे हैं। खासकर जुलाई में मस्क के EVM विरोधी बयान का जिक्र करते हुए कई विपक्षी दलों ने इसे आधार बनाकर EVM पर अविश्वास जताया था। लेकिन अब मस्क की भारत की चुनाव प्रक्रिया की तारीफ उनकी ही विचारधारा को चुनौती देती है।

एलन मस्क के बयानों से यह स्पष्ट है कि भारत का चुनावी तंत्र केवल देश में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहा जाता है। उनकी तारीफ भारतीय लोकतंत्र और चुनाव आयोग के लिए गर्व का विषय है। भारत की प्रणाली जहाँ तेज़ और शानदार है, वहीं अमेरिका को इससे सबक लेने की जरूरत है।

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