Income Tax Rule: ₹2 लाख से ज्यादा कैश लेते हैं? लगेगा 100% जुर्माना, नहीं बच सकते आप!

भारत में आज भी कई जगहों पर कैश ही एक्सेप्ट किया जाता है. खासकर रियल एस्टेट, बिजनेस डील और सामाजिक कार्यों में ज्यादा कैश ही इस्तेमाल होता है. लेकिन कैश लेनदेन में कुछ लिमिटेशन पार होने पर आपको सबकुछ खोना पड़ सकता है.
फाइनेंशियल एडवाइजर और टैक्स एक्सपर्ट ने सोशल मीडिया के जरिए चेतावनी दी है कि बड़े कैश ट्रांजेक्शन भारतीय टैक्स कानून के तहत कठोर दंड का कारण बन सकता है. हाल ही में वायरल एक पोस्ट बताती है कि नियमों को तोड़ना कितना आसान है और इसके परिणाम क्रूर हो सकते हैं.
100 फीसदी लग सकता है जुर्माना
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में CA नितिन कौशिक ने लिखा, '₹2 लाख से ज्यादा कैश लेने पर आप सब कुछ खो सकते हैं! क्या आपको लगता है कि आप पेमेंट को अलग-अलग मोड से करके बच सके हैं? तो फिर से सोचना चाहिए! आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, ₹2 लाख या उससे ज्यादा कैश एक्सेप्ट करना चाहे किश्तों में ही क्यों ना हो, 100 फीसदी का जुर्माना लगा सकता है. इसका मतलब है कि जितना आपको मिला है, वह सबकुछ खो सकते हैं'
सीए ने बताया कैसे काम करता है नियम?
- एक दिन की लिमिट: एक दिन में ₹2 लाख से ज्यादा कैश प्राप्त करने को नियम का उल्लंघन माना जाएगा. उदाहरण: सुबह ₹1.5 लाख और शाम को ₹1 लाख मिले? कुल ₹2.5 लाख हुए तो इसपर जुर्माना 2.5 लाख रुपये ही लगेगा.
- भुगतान को दिनों के हिसाब से बांटना? इससे कोई मदद नहीं मिलती. उदाहरण: ₹3 लाख में प्लॉट बेचना और तीन दिनों तक रोजाना ₹1 लाख लेना, यह भी अवैध माना जाएगा.
- शादी और कार्यक्रम का खर्च एक लेनदेन के रूप में गिना जाता है. उदाहरण: खानपान के लिए ₹1.5 लाख + सजावट के लिए ₹1 लाख = ₹2.5 लाख जुर्माना लगेगा.
उन्होंने एक वास्तविक मामले का हवाला देकर बताया, 'एक विक्रेता को एक प्रॉपर्टी डील के लिए छह महीने तक हर महीने ₹5 लाख मिले. हर भुगतान ₹2 लाख से कम था, लेकिन कुल ₹30 लाख था. अंतिम जुर्माना ₹30 लाख रुपये लगा.'
कैसे नहीं देना पड़ेगा जुर्माना?
कभी भी 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन एक्सेप्ट नहीं करना चाहिए. चाहे आप इसे किसी भी तरह से बांटकर दिया जाए. बिजनेस, प्रॉपर्टी या इवेंट में बड़े कैश लेनदेन से बचना चाहिए. सिर्फ बैंक ट्रांसफर, UPI या डिजिटल पेमेंट के जरिए ही लेनदेन एक्सेप्ट करना चाहिए. कई लोग अनजाने में इस नियम को तोड़ देते हैं फिर उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ती है.
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