मिल गए गोंडा से साथ भागे सास-दामाद, 72 घंटे तक पुलिस को देते रहे चकमा, पकड़े गए तो खुद सुनाई पूरी कहानी

इसलिए मैं दामाद के साथ चली गई थी, मगर अब उससे कभी बात नहीं करूंगी. अपने पति के साथ ही रहूंगी.
दुबौलिया पुलिस ने सास-दामाद दोनों को बरामद कर पूछताछ के बाद पति किशन के साथ खोड़ारे पुलिस को सुबुर्द कर दिया. दअरसल, मामला जनपद गोंडा के खोड़ारे थाना क्षेत्र हबीरपुर गांव का है. किशन ने अपनी बेटी की शादी बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र भुईरा गांव के निवासी रामस्वरूप से तय किया था.
रामस्वरूप अपनी दुल्हनिया से ज्यादा सास उषा देवी के साथ घंटों तक बात करता था. फिर अचानक एक दिन उसने खुद ही किशन की बेटी से रिश्ता तोड़ दिया. बोला- मैं यह शादी नहीं करना चाहता. लेकिन उसने सास उषा देवी (44) से संपर्क बनाए रखा. धीरे-धीरे सास दामाद में नजदीकियां बढ़ने लगीं. फिर उषा देवी 25 अप्रैल 2025 को सुबह बिना किसी को बताए राम सवरुप के साथ चली गई.
उषा देवी की पति किशन ने पत्नी की काफी खोजबीन की. जब कोई जानकारी नहीं मिली तो 27 अप्रैल शाम 7 बजे खोड़ारे थाने जाकर पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी. वहां उसने उषा देवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद खोड़ारे की पुलिस ने बस्ती के दुबौलिया पुलिस को भी मामले की जानकारी की.
क्या कहा सास उषा देवी ने?
दुबौलिया पुलिस ने रामस्वरूप से संपर्क कर पूछताछ की. तब रामस्वरूप उन्हें गुमराह करता रहा. लेकिन मोबाइल लोकेशन के जरिए एसओ प्रदीप सिंह ने 72 घंटे के अंदर सास दामाद को बरामद कर लिया. पूछताछ के बाद उषा देवी पति के सुपुर्द कर दिया गया. उषा देवी ने बताया- दिमगी हालत सही न होने के कारण मैं होने वाले दामाद के साथ चली गई थी. अब मैं होने वाले दामाद रामस्वरूप के साथ नहीं जाऊंगी. अपने पति किशन के साथ हबीरपुर में ही रहूंगी. इसके बाद उषा देवी अपने पति के साथ चली गई. उसकी बेटी की 9 मई को शादी होनी है.
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