'काफिरों को मारने वाला एक धर्म होता है', आतंकवादियों के पैंट उतारने वाली करतूत पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री

यह एक ऐसा हादसा है जिसने देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है. इसी बीच कई प्रमुख धर्मगुरुओं ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है और इस घटना को "मानवता के खिलाफ अपराध" करार दिया है.
धर्मगुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस हमले पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, कि "अगर हिंदुस्तान में ही हिंदू होना घातक हो जाए, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा? आतंकियों ने न यह पूछा कि कोई ब्राह्मण है या क्षत्रिय, न यह कि तमिल है या पंजाबी, उन्होंने बस पूछा - क्या तुम हिंदू हो? और गोली मार दी." शास्त्री ने आगे कहा कि यह हमला सिर्फ लोगों की जान पर नहीं, बल्कि हमारी एकता, हमारे समाज की आत्मा पर हमला है. उन्होंने बालाजी महाराज से प्रार्थना की कि सभी पीड़ित परिवारों को संबल और शक्ति मिले.
उन्होंने हिंदू समाज से आह्वान किया:
"अब समय आ गया है कि हम एकजुट हों. हमें अपने शस्त्र और शास्त्र-दोनों का संवर्धन और संरक्षण करना होगा. अगर अब नहीं जागे, तो शायद कभी नहीं जाग पाएंगे." मथुरा के कथावाचक पुंडरिक गोस्वामी ने भी इस हमले की तीव्र निंदा करते हुए कहा "जो लोग इस तरह की बर्बरता को अंजाम देते हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अब हमें अपनी करुणा और प्रेम भी सोच-समझकर बांटना होगा. धर्म देखकर ही दया दिखानी पड़ेगी क्योंकि जो करुणा के लायक नहीं, उन पर दया करना मूर्खता है." उन्होंने एक मार्मिक दृश्य साझा करते हुए कहा कि एक बच्ची ने अपने पिता को अपने सामने गोली लगते देखा और मासूमियत से पूछा, "यहां गोली लगने के बाद कोई बच सकता है क्या?"
Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस निर्मम हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई. कुछ बच्चों के माता-पिता, किसी का भाई, तो किसी का पूरा परिवार उजड़ गया. यह एक ऐसा हादसा है जिसने देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है. इसी बीच कई प्रमुख धर्मगुरुओं ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है और इस घटना को "मानवता के खिलाफ अपराध" करार दिया है.
उन्होंने हिंदू समाज से आह्वान किया:
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