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ना हीरा, ना सोना. ये हैं असली खजाना, करोड़ों में है कीमत, जानिए इसकी खासियत

 

ना हीरा, ना सोना. ये हैं असली खजाना, करोड़ों में है कीमत, जानिए इसकी खासियत

ब भी दुनिया के सबसे कीमती रत्नों की बात होती है, तो दिमाग में सबसे पहले हीरे का नाम आता है. लेकिन हकीकत इससे कहीं आगे है. एक ऐसा खजाना धरती में छिपा है जो हीरे से कई गुना महंगा, दुर्लभ और अनमोल है.

इस खजाने का नाम शायद आपने पहले कभी न सुना हो क्यावथुइट और पेनाइट. ये दो रत्न इतने दुर्लभ हैं कि अब तक दुनिया में गिने-चुने टुकड़े ही मिल पाए हैं, वो भी सिर्फ एक ही देश में.

कई देशों में खनिज पाए जाते हैं, लेकिन ये दो रत्न धरती पर सिर्फ म्यांमार (बर्मा) की ज़मीन में ही मौजूद हैं. इतना दुर्लभ कि वैज्ञानिकों और जेम एक्सपर्ट्स के लिए भी ये किसी रहस्य से कम नहीं. अब जानते हैं कि क्या है इन रत्नों की खासियत, और क्यों ये हीरे को भी पीछे छोड़ चुके हैं.

1. क्या है क्यावथुइट?

 क्यावथुइट को वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे दुर्लभ खनिज घोषित किया है. इसकी खोज अब तक केवल एक बार हुई है, और वो भी म्यांमार में. यह एक छोटा, गहरे नारंगी रंग का क्रिस्टल है जो दिखने में भले ही छोटा हो, लेकिन इसकी कीमत किसी भी हीरे से कई गुना ज्यादा है.

➤ कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के खनिज डेटाबेस के अनुसार, इस रत्न का अब तक सिर्फ एक ही क्रिस्टल मिला है. 2015 में अंतरराष्ट्रीय खनिज संघ (IMA) ने इसे आधिकारिक मान्यता दी थी. यह एक ऐसा रत्न है जिसके बारे में अभी तक बेहद सीमित जानकारी मौजूद है.

2. पेनाइट: एक और दुर्लभ रत्न

➤ पेनाइट एक गहरे लाल रंग का हेक्सागोनल क्रिस्टल है. हालांकि, कुछ दुर्लभ मौकों पर यह गुलाबी रंग में भी पाया गया है. यह भी म्यांमार में ही पाया जाता है और इसकी भी खोज बेहद सीमित है.

➤ 1952 में रत्न संग्राहक और डीलर आर्थर पेन ने म्यांमार में इसके पहले दो क्रिस्टल खोजे थे. इसके बाद दूसरा सैंपल 1979 में और तीसरा 2001 में म्यांमार में ही मिला. पेनाइट का नाम खोजकर्ता आर्थर पेन के नाम पर ही रखा गया है.

➤ हालांकि अब यह रत्न कुछ हद तक उपलब्ध हो चुका है, लेकिन फिर भी इसकी दुर्लभता कम नहीं हुई है. दुनिया में इसके सिर्फ तीन ही सैंपल पूरी तरह से दर्ज किए गए हैं.

3. क्यों हैं ये रत्न इतने खास?

इन रत्नों की सबसे बड़ी खासियत है इनकी एक्सक्लूसिव मौजूदगी. जहां हीरे कई देशों में मिलते हैं, वहीं क्यावथुइट और पेनाइट सिर्फ म्यांमार की ज़मीन में पाए जाते हैं. वैज्ञानिक इसे अर्थ की गहराई में छिपा प्राचीन खजाना मानते हैं, जो प्राकृतिक रूप से लाखों वर्षों में बना है.

क्या है कीमत

इन रत्नों की कीमत इतनी ज्यादा है कि उसकी गणना किसी सामान्य मार्केट रेट से नहीं की जा सकती. क्योंकि ये बाजार में मौजूद नहीं होते, इनकी नीलामी या वैल्यू सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होती है. अगर आप सोचते थे कि हीरा ही धरती का सबसे कीमती रत्न है, तो अब जान चुके होंगे कि असली खजाने क्यावथुइट और पेनाइट जैसे दुर्लभ रत्न हैं, जो ना केवल दुर्लभता में बेजोड़ हैं, बल्कि कीमत में भी हीरे से कहीं ऊपर हैं.

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