64 साल का शैतान ! 2 मासमू बच्चियों को तहखाने में कैद कर सालों तक गैंगरेप, जंजीरों में रखा बांध कर

ये मामला तब सामने आया जब पीड़ित लड़की ने अपने फोस्टर पेरेंट्स को आपबीती सुनाई और उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी।
9 साल की उम्र में शुरू हुआ हैवानियत का सिलसिला बड़ी बहन ने बताया कि जब उसे कैद किया गया, तब वह सिर्फ 9 साल की थी। तहखाने में उसे एक खंभे से जंजीर में बांधकर रखा जाता था। खाने को सिर्फ ब्रेड का एक टुकड़ा दिया जाता और प्यास बुझाने के लिए वह गंदा पानी पीने को मजबूर थी। उसकी छोटी बहन उस समय सिर्फ 5 साल की थी।
दादी का प्रेमी निकला आरोपी दोनों बहनें अपनी सौतेली दादी की एक दोस्त के साथ रहती थीं, जिसे वे 'जीजी' कहकर पुकारती थीं। आरोपी बॉयड, उसी महिला का प्रेमी था। जब वह महिला घर से बाहर होती, तो बॉयड बच्चियों को तहखाने में ले जाकर उनके साथ दरिंदगी करता।पीड़ित लड़की ने बताया कि एक बार उसे यह तक तय करने के लिए मजबूर किया गया कि किन पुरुषों द्वारा पहले उसका यौन शोषण किया जाए। उसे पैसों के बदले अलग-अलग पुरुषों के पास भेजा जाता था। बॉयड ने उसे कई बार ब्लेड से घायल भी किया, जिसमें उसके प्राइवेट पार्ट्स भी शामिल थे।
तहखाने से मिले सबूत पुलिस ने जब बॉयड के घर की तलाशी ली तो तहखाने से छत से लटकती जंजीरें, हुक और कई चाकू बरामद हुए। पीड़िता ने तहखाने का नक्शा बनाकर पुलिस को दिखाया, जिससे पुष्टि हुई कि वही जगह उसकी कैदगाह थी।डेविड बॉयड को 26 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ बच्चों के यौन शोषण, तस्करी, बंधक बनाने और घातक हथियार से हमला करने जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। बॉयड ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि बच्चियां उसकी बेटी से जलती थीं, लेकिन पुलिस को उसके इस दावे पर यकीन नहीं है।
पीड़ित बहनों को मिल रही मनोवैज्ञानिक मदद दोनों बहनों को अब फोस्टर केयर में रखा गया है और उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मामलों का असर बच्चों की मानसिक सेहत पर बहुत गहरा होता है और उन्हें सामान्य जीवन में लौटने के लिए लंबे इलाज और सहयोग की जरूरत होती है। पुलिस अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस अपराध में और लोग भी शामिल थे और क्या कुछ और बच्चियां भी इसका शिकार बनी थीं।
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