गोरखपुर में दिल दहलाने वाली घटना, युवक ने लगाई फांसी, मां-बेटी ने खाया जहर

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बुधवार लगभग 3 बजे बजे की यह घटना बताई जा रही है, जब मोहित के आत्महत्या की खबर स्वजनों तक पहुंची। मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल था। दुख की इस घड़ी में दोनों ने आवेश में आकर जहर खा लिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मां-बेटी को तुरंत अस्पताल भिजवाया। वहीं, मोहित के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गांव में इस घटना से अफरा-तफरी मच गई, और लोग इस दुखद घटनाक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं करने लगे।मोहित: परिवार का इकलौता सहारा मोहित कन्नौजिया, जो अभी अविवाहित था।
मुंबई में मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। उसके पिता स्व. अंगद कन्नौजिया की मृत्यु 10 वर्ष पहले हो चुकी थी, जिसके बाद मोहित ही मां कौशिल्या और बहन सुप्रिया का सहारा था। गांव वालों के अनुसार, मोहित मेहनती और शांत स्वभाव का था, लेकिन उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह कोई समझ नहीं पा रहा।
अनुत्तरित सवाल और गांव की चर्चाएं
इस त्रासदी ने न केवल कुचडेहरी गांव, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी सनसनी फैला दी। लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर मोहित ने आत्महत्या क्यों की? क्या कोई मानसिक तनाव था, या फिर कोई और कारण? मां और बेटी ने भी बेटे और भाई के जाने के गम में इतना बड़ा कदम क्यों उठाया?
गांव में हर गली-चौराहे पर इस घटना को लेकर चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन सच्चाई अभी तक रहस्य बनी हुई है।पुलिस जांच में जुटी थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। मोहित की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस गांव वालों और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है। साथ ही, मां-बेटी की हालत पर भी नजर रखी जा रही है।
एक परिवार का टूटता आसमान
यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। मोहित की मौत और उसके बाद मां-बेटी की हालत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम अपने आसपास के लोगों की मानसिक स्थिति को समझ पा रहे हैं? क्या समय रहते उनकी मदद कर सकते हैं? इस दुखद घटना ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
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