Health Scheme HimCare: 17000 हिमकेयर कार्डों में से 2000 निकले सरकारी कर्मी
हिमाचल में चल रही हिम केयर हेल्थ स्कीम में सरकारी कर्मचारी और पेंशनरों ने भी फ्री इंडोर इलाज के लिए कार्ड बनवा लिए हैं। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग की अपनी स्क्रीनिंग में हो गया है। हिमाचल में वर्तमान में इस योजना के तहत पांच लाख से ज्यादा परिवार पंजीकृत हैं।
यानी इन सभी के पास हिम केयर कार्ड है, जिसके तहत परिवार को पांच लाख तक सालाना कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। इस इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान राज्य सरकार करती है। इन पांच लाख कार्ड में से सिर्फ 17000 हिम केयर कार्ड आधार से लिंक्ड पाए गए हैं। उनकी जब वेरिफिकेशन की गई, तो करीब 2000 सरकारी कर्मचारी और पेंशनर निकले हैं।
अब स्वास्थ्य विभाग सभी पांच लाख पंजीकृत परिवारों के आधार भी इसमें जोडऩे पर निर्णय ले सकता है। इसको लेकर विभाग की बैठक गुरुवार को बुलाई गई है। राज्य सरकारइन दिनों इस स्कीम की कमियों को दूर करने के लिए कई तरह के निर्णय ले रही है।
सरकारी कर्मचारी और पेंशनर इसमें इसलिए नहीं हो सकते, क्योंकि इन्हें मेडिकल री-इन्बर्समेंट की सुविधा अलग से मिलती है। इसलिए डबल बेनिफिट को एक जगह से वापस लेने की जरूरत थी। दूसरा कारण यह है कि हिम केयर योजना में लंबित भुगतान की राशि बढ़ती जा रही है।
राज्य सरकार को आयुष्मान का अतिरिक्त खर्च भी झेलना पड़ रहा है। इसलिए इस स्कीम में कुछ गंभीर संशोधनों की जरूरत है। हिमकेयर स्कीम में वर्तमान में 16 लाख 70 हजार लोगों का पंजीकरण है। अब भी 358 करोड़ के क्लेम पेंडिंग चल रहे हैं। इसमें निजी अस्पतालों के 111 करोड़ और सरकारी अस्पतालों के 247 करोड़ रुपए शामिल हैं।
डायलिसिस केंद्रों को हुआ पांच करोड़ का भुगतान
हिम केयर योजना में सिर्फ डायलिसिस निजी अस्पतालों या केंद्रों में हो रहा है। इलाज और सर्जरी अब सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही है। राज्य सरकार ने प्रति डायलिसिस पैसा तय कर रखा है। इनका भुगतान भी कई महीनों से लंबित है। अब सरकार ने पांच करोड़ रुपए का भुगतान इनके लिए किया है। लंबित भुगतान सरकार को किस्तों में करना होगा।
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