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UP में किन सरकारी स्कूलों का नहीं होगा विलय? School Merger की पूरी तस्वीर साफ, मंत्री संदीप सिंह ने बताये ये नियम

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UP School Merger News: उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राथमिक स्कूलों के विलय (मर्जर) को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने भरोसा दिलाया है कि शिक्षकों के पद खत्म नहीं किए जाएंगे और छात्र-शिक्षक अनुपात (जितने छात्र उतने शिक्षक) बनाए रखने के लिए जरूरत पड़ने पर नई नियुक्तियां की जाएंगी. गुरुवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संदीप सिंह ने समझाया कि विलय का मकसद शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना है और इससे छात्रों को कोई परेशानी नहीं होगी. सरकार के इस ऐलान के बाद यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने इसे अपनी जीत बताया है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने X पर कहा, "स्कूल मर्जर का फैसला वापस लेना, ‘पीडीए पाठशाला’ आंदोलन की महाजीत है. शिक्षा का अधिकार अखंड होता है और रहेगा. शिक्षा विरोधी भाजपा की ये नैतिक हार है." 

संदीप सिंह ने बताया, "50 से कम छात्रों वाले स्कूलों को विलय के लिए देखा जा रहा है. 50 से ज्यादा छात्रों वाले स्कूल मर्जर से बाहर रहेंगे. इसके अलावा एक किलोमीटर के दायरे के बाहर के स्कूल मर्ज नहीं होंगे. वो स्कूल भी मर्जर की कैटेगरी में नहीं आएंगे, जो हाईवे, नदी, रेलवे क्रॉसिंग के पार के होंगे." उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के सभी 132,886 सरकारी प्राथमिक स्कूल चलते रहेंगे और उनके वैध यूडीआईएसई (शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली) कोड बने रहेंगे.

नौकरियां जाने की आशंकाओं पर बात करते हुए सिंह ने कहा, "शिक्षकों के पद खत्म नहीं होंगे. सभी स्वीकृत पद बने रहेंगे, जिसमें हेडमास्टर के पद भी शामिल हैं. जरूरत पड़ने पर, हम जरूरी छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए नए शिक्षकों की भर्ती करेंगे." सिंह ने यह भी कहा कि विलय की प्रक्रिया एक हफ्ते में पूरी हो जाएगी और विलय से जो स्कूल खाली होंगे, उनकी इमारतों का इस्तेमाल बाल वाटिकाओं (प्री-प्राइमरी स्कूल) के रूप में किया जाएगा.

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय नियम के मुताबिक, कक्षा 1 में दाखिला छह साल की उम्र में शुरू होता है. इसलिए, प्री-प्राइमरी जरूरतों को पूरा करने के लिए, ये बाल वाटिकाएं 15 अगस्त तक काम करना शुरू कर देंगी." सिंह ने साफ किया कि राज्य सरकार ने कभी भी भर्ती नहीं रोकी और शैक्षिक मानकों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

मंत्री संदीप सिंह ने कहा, "हम नियमों का पालन कर रहे हैं. प्री-प्राइमरी में हर 30 छात्रों पर एक शिक्षक और अपर प्राइमरी स्कूलों में हर 35 छात्रों पर एक शिक्षक की योजना है. हर विलय वाले स्कूल में तीन शिक्षक, दो सहायक शिक्षक और एक शिक्षा मित्र होंगे ताकि पढ़ाई का काम ठीक से चलता रहे." उन्होंने विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला और उन पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, "2017 से पहले, सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं. ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 11500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके, हमने 96 प्रतिशत स्कूलों को पीने के पानी, शौचालय और मिड-डे मील जैसी जरूरी सुविधाओं से लैस किया. इससे दलित परिवारों को भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए प्रोत्साहन मिला है."

हाल की प्रगति पर रोशनी डालते हुए मंत्री ने कहा, "केवल शैक्षणिक सत्र 2025-26 में, हमने 27.53 लाख नए छात्रों का दाखिला किया. सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है." सिंह ने बताया कि विलय मॉडल पहले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में अपनाया जा चुका है, और उत्तर प्रदेश हर पहलू का ध्यान से अध्ययन करके इसका पालन कर रहा है. 

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