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आगरा में अचानक क्यों सील कर दिए गए 298 प्राइमरी स्कूल, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने दे डाला ये सख्त आदेश

298 primary school seal in agra

298 primary school seal in agra

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां 288 जर्जर और गिरने जैसी हातल में दिखने वाले प्राथमिक विद्यालयों में किसी के भी प्रवेश को रोक दिया गया है. इन सभी स्कूलों के दरवाजों पर सील के पोस्टर भी लगाए गए हैं, जिससे कोई भी अंदर ना जाए. बता दें कि यह फैसला बुधवार को  जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में लिया गया है. जिलाधिकारी ने सख्त चेतावनी दी है कि बच्चों की जान को जोखिम में डालना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जहां भी खतरा है वहां शिक्षण कार्य पूरी तरह से रोका जाए और बच्चों को किसी सुरक्षित जगहों पर पढ़ने के लिए शिफ्ट किया जाए. 

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को लेकर समीक्षा की गई. समीक्षा में बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों की स्थिति बेहद खतरनाक और जानलेवा मिली. जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जनपद आगरा में कुल 298 विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में पाए गए हैं. इनमें से 141 भवनों को पहले ही ध्वस्त किया जा चुका है जबकि बचे हुए 157 भवनों का तकनीकी मूल्यांकन पूरा हो चुका है.

जिलाधिकारी ने सभी ब्लॉकों में खंड विकास अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और आरईएस के जूनियर इंजीनियरों की संयुक्त कमेटी गठित कर सभी स्कूल भवनों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जर्जर और जोखिम से भरे कक्षाओं को तुरंत प्रभाव से शील करने और सुरक्षित स्थानों पर शिक्षण कार्य संचालित करने का सख्त आदेश दिया है.

बोर्ड लगाना अनिवार्य

जिलाधिकारी ने कहा कि जब तक भवनों का ध्वस्तीकरण नहीं हो जाता है तब तक हर असुरक्षित विद्यालय भवन पर स्पष्ट सूचना बोर्ड या लाल रंग से 'प्रवेश वर्जित' लिखवाना सुनिश्चित किया जाए. नगर खंड शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि कंपोजिट विद्यालय जगदीशपुरा, प्राथमिक विद्यालय नगला अजीता, बजीरपुरा के दोनों विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय ताजगंज और पाकटोला जैसे कई स्कूलों को अत्यधिक जर्जर भवन होने की स्थिति में पहले ही दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जा चुका है.

वहीं जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन भवनों को मरम्मत योग्य पाया जाए उनका प्रस्ताव बिना देरी किए तैयार करके भेजा जाए. वहीं जिन भवनों का दोबारा उपयोग संभव नहीं है उन्हें ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में लाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने सभी स्कूलों की छतों को भी तुरंत साफ करने का आदेश दिया है जिससे पानी जमा ना हो.

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