दुनिया की कोई ऐसी समस्या, रोग और कष्ट नहीं है, जिसका निवारण मां दुर्गा के पाठ से न हो
दुनिया की कोई ऐसी समस्या, रोग और कष्ट नहीं है, जिसका निवारण मां दुर्गा के पाठ से न हो। भगवान शिव ने कहा है कि मंत्रों का निष्कीलन, उत्कीलन, परिहार और शापोद्धार करके पाठ करने से ही लाभ मिलता है, अन्यथा नहीं मिलता।
भगवान शिव ने कील द्वारा सभी मंत्रों को कीलित किया हुआ है। अत: जो व्यक्ति निष्कीलन, उत्कीलन करके दुर्गा मां का पाठ करता है, वह सिद्ध हो जाता है, वह दुर्गा मां का पार्षद होता है और कृपा पात्र भी बन जाता है। उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
यह पाठ देवताओं को भी दुर्लभ है। भगवान शिव ने कहा कि हे पार्वती इसे अपनी योनि की तरह गुप्त रखना चाहिए और किसी अपात्र व्यक्ति को यह पाठ नहीं देना चाहिए। मनुष्य की कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका समाधान मां दुर्गा के उत्कील-निष्कील मंत्रों से न हो। जो इसके बिना पाठ करता है, उसे उसी प्रकार फल प्राप्त नहीं होता, जिस प्रकार वन में रोना निरर्थक होता है।
इसके जानने मात्र से आनंद ही आनंद होता है। मां दुर्गा के अद्भुत पाठ से निर्धन महाध नवान, निर्बल महाशक्तिवान तथा अनपढ़ महाविद्वान बन जाता है। ये उद्गार अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु महाब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी जी ने रविवार को विला कैमेलिया में आयोजित प्रभु कृपा दुख निवारण समागम में श्रद्धालुओं से खचाखच भरे पंडाल में व्यक्त किए।
इस समागम में आसपास के क्षेत्रों से आए भारी संख्या में श्रद्धालु भाई-बहनों ने प्रभु कृपा ग्रहण की। समागम में सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों व विद्वानों ने उपस्थित होकर प्रभु कृपा ग्रहण की। जब भाई-बहनों ने प्रभु कृपा नाम पाठ के प्रभाव से लाभान्वित होने के अपने अनुभव सुनाए तो उन्हें सुनकर वहां उपस्थित वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी व डाक्टर भी चकित हो गए। समागम में आए श्रद्धालुओं के लिए अनवरत रूप से लंगर चलता रहा।
समागम में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच कैंप
समागम में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच कैंप लगाया गया, जिसमें रोगियों को नि:शुल्क औषधि वितरण भी किया गया। मां दुर्गा के अवधान के अनुभवों को देखकर सभी हैरान रह गए
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