HP News : मानवरहित ट्रांसमिशन स्टेशन बनाने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य
हिमाचल प्रदेश के ट्रांसमिशन कारपोरेशन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। दूसरे राज्यों से आगे बढ़ते हुए बिजली क्षेत्र में हिमाचल ने एक नया मील का पत्थर साबित किया है। बिजली की ट्रांसमिशन अब मानरहित ट्रांसमिशन स्टेशन से हो सकेगी। इसके लिए एक ज्वाइंट कंट्रोल सेंटर कुनिहार में स्थापित कर दिया गया है जिसे ट्रायल आधार पर चला भी दिया गया है।
बहुत जल्द मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी स्टेशन को देखने जाएंगे जहां पर 20 सब स्टेशनों की बिजली पहुंचने लगी है। पहले नॉर्थ ग्रिड के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के पंचकूला से बिजली आती थी क्योंकि सभी स्टेशनों से पंचकूला के लिए बिजली भेजी जा रही थी जहां से आगे उसका वितरण होता था मगर अब सीधे कुनिहार को जोड़ दिया गया है जहां पर मानव रहित ज्वाइंट कंट्रोल सेंटर बनाया गया है।
इसकी खासियत यही है कि यहां पर कर्मचारियों की उस तरह से जरूरत नहीं है क्योंकि अब ऑटोमेटिक तरीके से बिजली का संचार यहां पर हो रहा है। मानवरहित कंट्रोल सेंटर तैयार कर उसे सुचारू करना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिस पर दूसरे कई राज्य काम कर रहे हैं, परंतु उनको कोई सफलता नहीं मिल पाई है।
हिमाचल प्रदेश के ट्रांसमिशन कारपोरेशन ने यह काम करके दिखाया है। इससे जुड़े दूसरे सब स्टेशनों को भी आगामी समय में मानव रहित किया जा सकता है। धीरे-धीरे वहां पर कर्मचारी रखने की जरूरत नहीं होगी और मात्र इक्का दुक्का कर्मचारियों से ही काम चल पड़ेगा।
इसके अलावा एक ही स्थान पर यानी कंट्रोल सेंटर में बिजली पहुंचेगी तो वहां पर भी मानवरहित काम हो गया है। पिछले काफी समय से इसका ट्रायल चल रहा है जिसमें कामयाबी हासिल हुई है। इसके साथ 20 उप सब स्टेशनों को जोड़ा गया है, जहां से बिजली को पंचकूला के लिए ट्रांसमिट किया जाता था। मगर अब वह कुनिहार के सेंटर से जोड़ दिए गए हैं।
ज्वाइंट कंट्रोल सेंटर से जोड़े सब-स्टेशन
इस सेंटर के साथ जिन सब-स्टेशनों को जोड़ा गया है,उनमें 400 किलोवाट का वांगतू, 400 किलोवाट का गुम्मा, 400 किलोवाट लाहल, 220 केवी फोजल, 220 केवी भोक्टू, 220 केवी करियां, 220 केवी हाटकोटी, 220 केवी देहन, 220 केवी सुंडा, 220 केवी चरौर, 220 केवी प्रीणी, 220 केवी माजरा, 220 केवी काला अंब, 220 केवी हीलिंग, 220 केवी कांगू, 132 केवी पंडोह, 131 केवी चंबी, 66 केवी उरनी, 66 केवी बागीपुल तथा 33 केवी का पलचान सब-स्टेशन शामिल हैं। इन सभी सब-स्टेशनों में अलग-अलग परियोजनाओं से बिजली पहुंचती है।
दूसरे सब-स्टेशन भी जल्द जुड़ेंगे
ज्वाइंट कंट्रोल सेंटर के बनने के बाद अब प्रदेश के दूसरे सब-स्टेशनों को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। आने वाले दिनों में इसका और विस्तार किया जाएगा, ताकि पूरे प्रदेश में उत्पादित बिजली इसी सेंटर में पहुंचे। अभी ट्रांसमिशन कारपोरेशन ने अपने सब-स्टेशनों को इससे जोड़ा है , जिसका क्रम आगे भी चलता रहेगा। मगर बताया जाता है कि बिजली बोर्ड को भी ट्रांसमिशन कारपोरेशन ने एक प्रस्ताव दिया है।
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