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HP News: अब यहां नहीं रहना, माता-पिता मुझे मारते हैं 10 साल की मासूम ने छोड़ा अपना ही घर

वह घर जिसे हम सब सबसे सुरक्षित ठिकाना मानते हैं, वह मां का आंचल जो हर बच्चे को हर दुख तकलीफ से हमेशा बचा कर रखता है, वो पिता का साथ जो आपको गलत- सही का फर्क सिखाता है, क्या कभी वही घर डर की वजह बन सकता है, क्या सुख की छांव करने वाली मां तकलीफ की वजह बन सकती है। 

क्या गलत सही सिखाने वाला पिता अपनी औलद के साथ गलत कर सकता है। अगर आपसे कोई यह प्रशन पूछे तो आप कहेंगे नहीं, लेकिन हिमाचल में एक ऐसा मामला सामने आया है जो ये बता रहा है कि हां ऐसा हो सकता है…मामला जिला बिलासपुर के भराड़ी थाना क्षेत्र से सामने आया है। जहां गांव की दस वर्षीय नाबालिग बच्ची ने अपने लिए खुद सुरक्षा मांगी, और वो भी अपने ही मां- बाप से। 

जानकारी के अनुसार, छोटी सी उम्र में दर्द का बड़ा सबक झेल रही इस मासूम ने महिला एवं बाल विकास विभाग को 1098 के जरिए शिकायत दी थी कि उसके माता-पिता अक्सर झगड़ते हैं और उसे मारते-डांटते हैं। जिसका गलत असर उस पर पड़ रहा है।

मामला संवेदनशील था, क्योंकि पीडित 10 साल की मासूम थी और जिन पर आरोप लगाया वो उसी के माता पिता हैं । ऐसे में शिकायत मिलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग ने भराड़ी पुलिस को सूचना दी। सोमवार को महिला पुलिस कर्मियों के साथ पुलिस टीम बच्ची के घर पहुंची।

 उन्होंने बच्ची से पूरी जानकारी ली और माता-पिता को सख्त हिदायत दी कि वे अब बच्ची पर किसी भी तरह की हिंसा न करें। लेकिन जब बच्ची को माता-पिता के साथ रहने के लिए कहा गया, तो उसने साफ कहा — मैं अब उनके साथ नहीं रहना चाहती, वे झगड़ते हैं, मुझे बहुत डर लगता है।” लाख समझाने के बाद भी बच्ची उस घर में रहने को तैयार नहीं थी। 

जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्ची को अपने साथ ले गए। अब विभाग बच्ची को सुरक्षित माहौल देने के साथ-साथ पूरे मामले की आगामी जांच कर रहा है। यहीं नहीं भराड़ी से हमारे संवाददाता अजय शर्मा ने जब इस पूरे मामले को लेकर सीडीपीओ घुमारवीं रंजना शर्मा से बात की तो उन्होनें भी कई खुलासे किए हैं। किस तरह से परिजन बच्ची को प्रताड़ित करते हैं। .

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