तपोवन की तपिश बढ़ाएंगे आंदोलनकारी संगठन, सीएम से मिलने संग विरोध प्रदर्शन तक की बनाई जा रही योजना

धर्मशाला के तपोवन में सर्द मौसम के बीच आंदोलनकारी संगठनों के नारों से सियासी तपिश देखने को मिलेगी। सत्र के दौरान जहां विपक्ष सरकार को घेरने के लिए प्लान बना रहा है, वहीं विभिन्न संगठनों के विरोध प्रदर्शनों व नारों से बाहर का माहौल भी गर्म रहेगा।
अपनी मांगों को लेकर पहले से विरोध जताने वाले संगठन विधानसभा सत्र के दौरान भी सीएम से मिलने या विरोध प्रदर्शन करने की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से धर्मशाला के तपोवन में शुरू होने जा रहा है, जो पांच दिसंबर तक चलेगा।
इस बार सत्र में कुल आठ बैठकें निर्धारित की गई हैं, जो तपोवन में आयोजित होने वाला अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा। सत्र के लिए सभी प्रशासनिक और सुरक्षा संबंधी तैयारियां चल रही हैं। इस बार सदन के अंदर और बाहर, दोनों जगह राजनीतिक गर्माहट रहने की पूरी संभावना है।
विपक्षी दल, सत्तारूढ़ सरकार को कई ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी में है। सत्र से ठीक पहले आए बिहार विधानसभा चुनावों से उत्साहित भाजपा हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए रही कमियों का मुद्दा प्रमुखता से उठा सकती है।
विपक्ष सरकार के चुनावी वादों और गारंटियों, जिनमें महिलाओं को 1500 रुपए देने का वादा, पक्की नौकरी यानी रोजगार के अवसर प्रदान करने के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों की खराब स्थिति और अन्य स्थानीय मुद्दे भी विपक्ष सूचीबद्ध करेगा। कानून व्यवस्था और नशे की समस्या पर भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है।
इसके अलावा कर्मचारियों और पेंशनरों के वित्तीय मुद्दों को भी मुख्य मुद्दे में शामिल किया जाएगा। बेरोजग़ारी और अवैध खनन के मुद्दे भी विपक्ष की सूची में रहने वाले हैं। विपक्ष ने इन मुद्दों पर पहले ही प्रश्न पूछने शुरू कर दिए हैं, जिससे स्पष्ट है कि सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक देखने को मिलेगी।
कड़ी होगी सुरक्षा व्यवस्था
सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से दिल्ली बम धमाकों के बाद प्रशासन को विधानसभा परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती ता रही है, ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा।
अफसरों से मिलने का मौका
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों और अधिकारियों का एक बड़ा हिस्सा भी धर्मशाला में प्रवास करेगा। इस दौरान स्थानीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याएं सीधे सरकार व विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष रख सकेंगे।
घेराव की रणनीति पर काम
विभिन्न सामाजिक और कर्मचारी संगठनों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर विधानसभा घेराव करने की योजना बनाई है। पेंशनर्ज से संबंधित संगठन पहले ही आवाज बुलंद करते हुए विधानसभा घेराव का ऐलान कर चुके हैं।
इसके अलावा ओबीसी वर्ग भी अपनी मांगों को लेकर पहले ही दो बड़े आयोजन कर मोर्चा खोल चुका है। इसी तरह ठेकेदार संगठन रैली प्रदर्शन के साथ पकौड़े तल कर अनोखे ढंग से विरोध जता रहा है। कुछ कर्मचारी, किसान और स्थानीय हितों से जुड़े संगठन भी अपनी मांगों को मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शन और घेराव की योजना बना रहे हैं।
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