HP News : 1500 करोड़ की घोषणा कर गए पीएम, मिले सिर्फ 451 करोड़

विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्बाल व शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के प्रदेश में आई आपदाओं से प्रभावितों को आ रही मुशिकलों तथा इस अवधि में सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा चौथे दिन सोमवार को भी जारी रही।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविदंर सिंह सुक्खू ने सदन में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्ष 2023 की आपदा में केंद्रीय टीम की ओर से पोस्ट डिजाजस्टर नीड अस्समेंट पीडीएनए का 9300 करोड़ का आंकलन किया गया था, जिसमें अब तक केंद्र की ओर से 1500 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें मात्र 451 करोड़ ही राज्य सरकार को अब तक मिल पाया है।
अभी तक नहीं मिली राशि
राजस्व मंत्री जगत सिंह ने कहा कि वर्ष 2023 में आपदा में सदन विपक्ष के कहने पर बुलाया गया था, जबकि केंद्र में बात उठाने के समय वह बाहर चले गए। आपदा को जारी 1500 करोड़ राहत राशि अभी तक आई नहीं है।
आपदा पीडि़तों को भेजी मदद
सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि आज के समय मे जी-20 देशों में भी पर्यावरण व आपदा की चिंता कर रहे हैं। कोविड में केंद्र व पूर्व सरकार ने बेहतरीन कार्य किया था। आपदा राहत के लिए पांच-पांच करोड़ व राहत सामग्री भी भेजी गई।
मुख्यमंत्री ने दी मदद
मनाली से कांग्रेस विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भी आपदा आई थी। इससे पर्यटन भी बहुत अधिक प्रभावित हुआ। सीएम ने क्षेत्र का दौरा करने के बाद बड़े स्तर पर आपदा राहत कार्य में गति आई है।
केंंद्र जल्द जारी करे राशि
लाहुल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि उनके क्षेत्र में भी काफी आपदा हुई है, जिससे फसलों व जमीन को बड़ा नुकसान हुआ है। अब राज्य सरकार की ओर से रिलीफ फंड के लिए बड़े बदलाव किए है, जबकि केंद्र की ओर से पीडीएनए व अन्य आपदा राहत को जल्द से जल्द जारी किया जाना चाइए।
पीडि़तों को जारी करें मुआवजा
नाचन के विधायक विनोद कुमार ने कहा राज्य में आपदा से काफी नुकसान हुआ है। लोगों के घरों सहित जमीन पूरी तरह से तबाह हो गए। शहर में रहने वाले लोगों के घरों के नुकसान का मुआवजा भी मिलना चाइए।
चंबा को भी मिले गहरे जख्म
चंबा के विधायक नीरज नैयर ने कहा कि राज्य में भारी नुकसान के साथ चंबा में भी बड़े घाव मिले हैं। इसमें चंबा नगर परिषद क्षेत्र में ही पहली बार बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। पंचायतों में कई घर ठीक लग रहे हैं, जबकि खाई की तरह पूरी तरह से लटकने की कगार पर हैं।
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