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Kangra: बढ़ता तनाव… मधुमेह की जड़


पालमपुर – विवेकानंद ट्रस्ट के  कायाकल्प संस्थान पालमपुर में शनिवार को मधुमेह विकार विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ विवेकानंद मेडिकल ट्रस्ट इंस्टीच्यूट के अध्यक्ष शांता कुमार ने किया। यह संगोष्ठी  दो दिनों तक चलेगी।  दीप प्रज्वलन के साथ ही समारोह का शुभारंभ हुआ । कायाकल्प के अध्यक्ष शांता कुमार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार 2025 में  दुनिया के सबसे अधिक पांच करोड़ 70 लाख मधुमेह रोगी भारत में होंगे,  जो यह एक चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि विकसित देशों में यह रोग बढ़ने से रोका जा रहा है, परंतु  विकासशील देशों में खासकर भारत में यह रोग तेज गति से बढ़ रहा है। लाखों मधुमेह रोगी  काल का ग्रास बन रहे हैं या  उनका आकस्मिक देहांत हो रहा है। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य शुगर के बढ़ते रोग पर रोकथाम लगाना है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के 40 विशेषज्ञ डाक्टर भाग ले रहे हैं। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डा. मिलिंद पाटिल  ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि मधुमेह विकार एक खतरनाक बीमारी है। मधुमेह बीमारी शरीर के हर अंग को  प्रभावित करती है।

मनुष्य की जिंदगी में बढ़ता तनाव भी इसका एक कारण है। अचानक खान-पान तथा रहन-सहन में परिवर्तन, फास्ट फूड व कोल्ड ड्रिंक्स तथा शारीरिक श्रम में आई कमी के कारण भी यह रोग तेजी से बढ़ रहा है । रक्त में जब ग्लूकोज सामान्य से अधिक हो जाता है, तो शुगर रोग कहलाता है। यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है । भारत में मधुमेह रोग से पीडि़त 95 फीसदी रोगी व्यस्क हैं । इसका मुख्य लक्षण वजन का कम होना, अधिक भूख  व प्यास लगना व बार-बार मूत्र आना है। इस रोग को व्यायाम व उपयुक्त भोजन  से  भी  रोका जा सकता है। इस संगोष्ठी में भोपाल, नागपुर, कर्नाटक, मुंबई, चेन्नई व अन्य प्रदेशों से आए विशेषज्ञ डाक्टरों ने भी अपने-अपने विचार रखे।

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