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Dana Cyclone: ओडिशा सरकार ने 10 लाख+ लोगों को किया शिफ्ट, 1600 महिलाओं ने सुरक्षित जने बच्चे, बंगाल में 16 लापता

 

चक्रवाती तूफान ‘दाना (Dana)’ ने 24 अक्टूबर की रात लगभग 12:30 बजे ओडिशा के तट पर दस्तक दी। इस दौरान इसकी अधिकतम रफ्तार 110 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी/घंटा) थी। चक्रवाती तूफान के लैंडफॉल के कारण जोरदार आँधी और बारिश हुई। कई जगह रास्ते में पेड़ भी गिरे मिले और अन्य संरचनाओं को भी नुकसान पहुँचा।

इस तूफान का लैंडफॉल गुरुवार रात 12:45 बजे 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ हुआ। इसके बाद, यह धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाते हुए ओडिशा के धामरा और भितरकनिका के पास 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरा। लैंडफॉल की प्रक्रिया सुबह 8 बजे तक जारी रही, जिसके दौरान तेज हवाओं और मूसलधार बारिश ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में तबाही मचाई।

दाना तूफान का सबसे अधिक प्रभाव ओडिशा के मयूरभंज, भद्रक, बालेश्वर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, जगतसिंहपुर और कटक जिलों में देखने को मिला। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जैसे क्षेत्रों में भी भारी बारिश हुई।

ओडिशा में राहत बचाव कार्य जारी

बता दें कि चक्रवाती तूफान की स्थिति से निपटने के लिए ओडिशा और बंगाल का राज्य प्रशासन लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में जुटा है। अभी तक ओडिशा में इस चक्रवात के कारण 10 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। यह प्रक्रिया ओडिशा के विभिन्न जिलों में चल रही है। इसके अलावा राहत बचाव कार्य के लिए 385 बचाव दलों को तैनात किया गया है, जिसमें एनडीआरएफ, अग्निशामक दल और वन विकास निगम शामिल हैं। इसी तरह 4756 चक्रवात राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सके।

1600 गर्भवती महिलाओं ने दिए नवजातों को जन्म

मुख्यमंत्री ने चक्रवात दाना से ओडिशा में आई गंभीर तबाही पर जहाँ जानकारी दी तो वहीं ये भी बताया कि राज्य सरकार इस आपदा से निपटने के लिए कैसे एहतियाती कदम उठा रही है। इस चक्रवात के प्रभाव से बचने के लिए 4,431 गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया गया। इनमें से 1,600 महिलाओं ने सुरक्षित स्थानों पर बच्चों को जन्म दिया। यह जानकारी ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा दी गई थी।

चक्रवात दाना के दौरान, गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाने का निर्णय लिया गया ताकि उन्हें सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिल सके। इन महिलाओं को 6,008 चक्रवात आश्रयों में रखा गया था, जहाँ उन्हें आवश्यक चिकित्सा देखभाल, भोजन, पानी और अन्य जरूरत की चीजें प्रदान की गईं।

राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पुष्टि की है कि जिन गर्भवती महिलाओं को चक्रवात आश्रयों में ले जाया गया था, उनमें से माँ और नवजात दोनों स्वस्थ हैं। नियाली अस्पताल में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया और दोनों की स्थिति स्थिर है। 

बंगाल में 16 मछुआरे गायब

चक्रवात दाना के कारण हुई मौतों की आधिकारिक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। मगर, इसी बीच पश्चिम बंगाल से खबर आ रही है कि दाना चक्रवात के आगमन से पहले ही, शमशेरगंज और फरक्का क्षेत्रों में आंधी-तूफान के कारण तीन नावें पलट गईं। इस घटना में 16 मछुआरे लापता हो गए हैं, जो गंगा नदी में हिलसा मछली पकड़ने गए थे। यह घटना तब हुई जब मछुआरे प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों के बावजूद समुद्र में गए थे। नाव में कुल 20 लोग थे। इनमें से 4 की जान बचा ली गई जबकि 16 लापता हो गए


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