कनाडा के 7 लाख विदेशी छात्रों के लिए नया साल लेकर आ रहा बड़ी आफत, क्यों छोड़ना पड़ सकता है देश?

कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार प्रवासियों को लेकर सख्त नजर आ रही है। ऐसे में भारत से गए छात्रों समेत 7 लाख विदेशी छात्रों का भविष्य खतरे में है। कनाडा में 2025 के अंत तक लगभग 50 लाख अस्थायी परमिट खत्म होने वाले हैं।
गौरतलब है कि ऐसे वर्क परमिट आम तौर पर नौ महीने से तीन साल के लिए जारी किए जाते हैं। ये डिप्लोमा या डिग्री वाले विदेशी छात्रों को देश में परमानेंट रेजिडेंसी के आवेदन के लिए जरूरी कार्य अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देते हैं। मिलर ने कहा है कि कनाडा सीमा सेवा एजेंसी उल्लंघन करने वालों की सख्ती से जांच करेगी। उन्होंने जानकारी दी है कि सभी अस्थायी प्रवासियों को जाने की जरूरत नहीं होगी। मिलर ने कहा, "कुछ को नए या पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट दिए जाएंगे।" पिछले महीने की शुरुआत में मिलर ने चिंता व्यक्त की कि छात्र बड़ी संख्या में कनाडा में रहने के लिए आवेदन कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वे फर्जी आवेदकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे।
वहीं इस साल अगस्त से ही पंजाब के छात्र कनाडा की विदेशी छात्रों के प्रति बदलती नीति के विरोध में ब्रैम्पटन में प्रदर्शन कर रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि देश में उनके साथ ऐसा सलूक होगा। कनाडा के प्रवासी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मई 2023 तक दस लाख से ज्यादा विदेशी छात्र कनाडा में थे। उनमें से 3,96,235 के पास 2023 के अंत तक पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट थे, जो 2018 की संख्या से लगभग तिगुना है। हालांकि अगले एक साल में लाखों वर्क परमिट की अवधि समाप्त होने वाली है और छात्रों को सख्त आव्रजन नीतियों के बीच परमानेंट रेजिडेंसी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। इससे पहले कनाडा ने पहले ही 2024 में अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट में 35% की कमी कर दी थी। इसके अलावा ट्रूडो सरकार ने 2025 में 10% की और कमी करने की योजना बनाई है।
इस बीच कंजर्वेटिव नेता पियरे पोलीवरे ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2025 के अंत तक लगभग पांच मिलियन अस्थायी निवासियों के देश छोड़ना पड़ सकता है। पोलीवरे ने तर्क दिया कि ट्रूडो सरकार की नीतियों ने अस्थायी निवासियों के लिए अनिश्चितता पैदा की है और देश को इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है।
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