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IAS की तैयारी कराने वाली कोचिंग पर 2 लाख रुपये का जुर्माना, कौन हैं मशहूर टीचर शुभ्रा रंजन?

 

Shubhra Ranjan IAS Study
Shubhra Ranjan IAS Study

Shubhra Ranjan IAS Study :  केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने हाल ही में शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना UPSC CSE 2023 के परिणामों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन देने के कारण लगाया गया है. संस्थान ने विज्ञापनों में दावा किया था कि उनके 13 छात्र टॉप 100 में, 28 छात्र टॉप 200 में, और 39 छात्र टॉप 300 में शामिल हुए, जबकि यह जानकारी गलत थी. 

कोचिंग पर 2 लाख रुपये का जुर्माना

सीसीपीए की जांच में यह पाया गया कि विज्ञापनों में दी गई जानकारी में काफी भ्रामकता थी. संस्थान ने अपने सभी पाठ्यक्रमों के लिए सफलता दर एक समान बताई, जबकि सच्चाई यह थी कि अधिकांश सफल छात्रों ने राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (PSIR) क्रैश कोर्स और टेस्ट सीरीज़ को चुना था. इससे यह गलत धारणा बनी कि सभी पाठ्यक्रमों की सफलता दर समान है. इसके अलावा, शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी ने "शुभ्रा रंजन आईएएस" और "शुभ्रा रंजन आईएएस के छात्र" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे यह भ्रम उत्पन्न हुआ कि शुभ्रा रंजन एक आईएएस अधिकारी हैं, जो कि सत्य नहीं था. यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन है, जो भ्रामक विज्ञापनों और गलत जानकारी को रोकने का काम करता है.

सीसीपीए ने संस्थान पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए भविष्य में ऐसे भ्रामक विज्ञापन न देने का निर्देश दिया है. यह कदम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है ताकि वे सही जानकारी के आधार पर निर्णय ले सकें. इससे पहले भी सीसीपीए ने अन्य कोचिंग संस्थानों पर भ्रामक विज्ञापन देने के लिए जुर्माना लगाया है, जैसे वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट पर 7 लाख रुपये का जुर्माना. सीसीपीए की यह कार्रवाई उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह कोचिंग संस्थानों और एडटेक प्लेटफॉर्म्स को अपनी विज्ञापन प्रथाओं में पारदर्शिता और सत्यता बनाए रखने की सीख देती है, ताकि उम्मीदवार सही जानकारी के आधार पर अपने फैसले ले सकें.

कौन हैं शुभ्रा रंजन

शुभ्रा रंजन उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने टीना डाबी, रिया डाबी और इशिता किशोर जैसे टॉप स्कोरर्स को यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन दिया है. शुभ्रा रंजन, जो "शुभ्रा रंजन आईएएस कोचिंग" की संस्थापक हैं, यूपीएससी उम्मीदवारों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने कई रैंक धारकों को सरकारी नौकरियों की तैयारी में मदद की है और पॉलिटिकल साइंस, इंटरनेशनल रिलेशन जैसे विषयों को पढ़ाया है.

जानकारी के मुताबिक, शुभ्रा रंजन ने खुद कभी यूपीएससी परीक्षा नहीं दी, लेकिन वह हमेशा एक असाधारण छात्रा रही हैं. 25 से ज्यादा सालों के टीचिंग अनुभव के साथ, उन्हें अपने क्षेत्र में एक शीर्ष शिक्षिका माना जाता है. 1994 में, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स पूरा किया. इसके बाद, उन्होंने 1998 में उसी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एमए किया. वह UGC JRF (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) स्कॉलर भी रही हैं.
 


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