सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी रोपवे निर्माण पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी.
क्या है पूरा मामला?
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट की रहने वाली मंशा सिंह और दो अन्य महिलाओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रोपवे निर्माण में कानूनी अनियमितताओं का आरोप लगाया. उनका दावा है कि बिना सहमति उनकी फ्रीहोल्ड संपत्ति पर तोड़फोड़ कर निर्माण शुरू किया गया, जबकि न तो भूमि अधिग्रहण किया गया और न ही मुआवजा दिया गया. हाई कोर्ट ने मामले में नोटिस तो जारी किया लेकिन अंतरिम राहत नहीं दी, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
18 फरवरी को सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत दी और उनकी संपत्ति पर किए जा रहे निर्माण कार्य को यथास्थिति में रखने का आदेश दिया. हालांकि, यह आदेश केवल तीनों महिलाओं की संपत्ति पर हो रहे निर्माण कार्य तक सीमित है. अब सबकी नजरें 14 अप्रैल की सुनवाई पर हैं, जहां रोपवे निर्माण को लेकर अगला बड़ा फैसला आ सकता है।

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