18.27 करोड़ की पांच संपत्तियां कुर्क, इस मामले में हुई कार्रवाई, 125 बीघा की तीन जमीनें शामिल

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 18.27 करोड़ रुपए मूल्य की पांच अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। इन संपत्तियों में लगभग 125 बीघा की तीन जमीनें शामिल हैं। ये जमीनें मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत हैं, जो नाहन (सिरमौर) में स्थित हैं।
इसके अलावा दो अन्य संपत्तियों में पंचकूला, हरियाणा में स्थित दो फ्लैट प्रीति बंसल और ऋचा बंसल के नाम पर पंजीकृत हैं, जो मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट में ट्रस्टी हैं। मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट, हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीच्यूशंस, काला अंब ( सिरमौर) का संचालन करता है
और कुर्क की गई संपत्ति में मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत 125 बीघा भूमि शामिल है, जिसमें वह भूमि भी शामिल है जिस पर हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीच्यूशंस वर्तमान में काला अंब में स्थित है। ईडी ने प्रदेश के ओबीसी/एससी/एसटी छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला द्वारा छात्रवृत्ति के वितरण में अनियमितता के संबंध में सीबीआई शिमला द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि जो छात्र इन संस्थानों में किसी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे और जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना संस्थान छोड़ दिया, ऐसे छात्रों के विवरणों का सत्यापन करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी।
इसके अलावा धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि की अधिक राशि प्राप्त करने के लिए, छात्रों के झूठे विवरण एचपी-ई पास पोर्टल पर अपलोड किए गए। अपराध में संलिप्त विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपराध से प्राप्त धन का उपयोग अपने तथा अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर चल एवं अचल संपत्ति अर्जित करने में किया गया।
इस मामले में चल और अचल संपत्तियों की कुल अनंतिम कुर्की लगभग 29 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा इस मामले में 30 जनवरी, 2025 को मनी लांड्रिंग के अपराध में दोषी पाए गए दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
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