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शिमला: ई-ब्लॉक के बाहर बाइक खड़ी करने पर अब चालान

 


इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद अस्पताल के अंदर जाने वाला रास्ता मरीजों के लिए परेशानी बना हुआ है। अस्पताल में मुख्य द्वार के बाद गाडिय़ां नीचे डी ब्लॉक तक जाती हैं। 

पर डी ब्लॉक के बाद कई तीमारदारों द्वारा बाइकें डी ब्लॉक के अंदर जा कर ई ब्लॉक के बाहर लगाई जा रहीं है। जिससे तीमारदारों को अपने मरीजों को लाने और ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आईजीएमसी अस्पताल के ई ब्लॉक के बाहर का एरिया अस्पताल का परिसर कम और बाइक स्टेशन ज्यादा लगता है। अस्पताल के ई ब्लॉक के बाहर का एरिया वेटिंग एरिया है।

बता दें कि अस्पताल में ई ब्लॉक में तीन विभागों के वार्ड हैं। जिसमें ई ब्लॉक में प्रवेश करते ही पल्मोनरी विभाग का वार्ड, उससे नीचे आई वार्ड और अंत में साइकाइट्री वार्ड है। ऑपरेशन के बाद मरीजों को वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। कुछ मरीजों को स्ट्रेचर में तो कुछ मरीजों को व्हीलचेयर पर लाया जाता है।

सडक़ के दोनों तरफ लगी बाईको के कारण मरीजों का लाने और ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पडता है। ऐसे में मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डी ब्लॉक के बाहर भी वाहन पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण लोग कहीं भी गाड़ी और बाइक खड़ी कर देते है। जिससे आने जाने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन के फैसले के बाद अब मरीजों-तीमारदारों को राहत होगी।

क्या कहते हैं एमएस डाक्टर राहुल राव

आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर राहुल राव ने बताया कि ई ब्लॉक के बाहर का एरिया वेटिंग एरिया है। अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों द्वारा कई बार तीमारदारों को वेटिंग एरिया में बाईकें लगाने को मना किया जाता है। इसके बावजूद भी वहां बाईक सडक के दोनों तरफ लगाई जा रही है। वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर राहुल राव ने तीमारदारों से अपील है कि वेटिंग एरिया में बाइक न लगाएं नहीं तो चालान करवाएं जाएंगे।

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