सीएम योगी ने कर दिया 'खेला', जिसकी पूरे देश में हो रही चर्चा, बोले ओवैसी, 'मैंने पहले ही कहा था ऐसा तो होना ही था'

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क।बनावटी मुस्कान नहीं। झूठ-फरेस पसंद नहीं। अपराधी और भ्रष्टाचारियों से बेइंतहा नफरत। एक बार जो कमेंटमेंट कर लिया फिर वो खुद की भी नहीं सुनते। चापसूलों को अपने पास नहीं भटकने देते।
पैरवी करने वालों को भी नहीं बख्शते। भगवा चोला पहचान। सनातन से बेइंतहा प्यार। जब से बने सरकार तब से यूपी में सनातन की हो रही जय-जय कार। राम मंदिर का हुआ निर्माण, काशी भी हुई जगमग। मथुरा और संभल पर नजर। वक्फ को लेकर सख्त। बिल पास होते ही दिखाए तेवर। खौफ से थर-थर कांपे कब्जाधारी। हैदराबाद के ओवैसी भी बोले, मैंने तो पहले ही कहा था ऐसा ही होगा। हां जनाब ये किसी फिल्म के डॉयलाग नहीं बल्कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कमेंटमेंट की हकीकत है, जिसकी इनदिनों पूरे देश में खूब चर्चा हो रही है।
हां सीएम योगी आदित्यनाथ अगर एक बार कमेंट कर लेते हैं तो वह खुद की भी नहीं सुनते। इसके कई उदाहरण आपको 'महाराज जी' के अतीत के पन्नों में दिख जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिए हैं कि हिंदुत्व के प्रति उनके रुख में अभी कोई बदलाव नहीं होने वाला है। कोई कुछ भी कहे, वे अपनी लाईन पर चलने वाले नेता हैं। एकदम दो टूक। बिना घुमाए फिराए सीधी बात कहने और करने वाले। सांप्रदायिक सद्भाव पर उनका फॉर्मूला लिबरलों से बिल्कुल मेल नहीं। हिंदू संस्कृति के बचाव को लेकर उनके विचार एकदम स्पष्ट हैं। किसी वोटबैंक की फिक्र किए बिना। जब भी सीएम योगी बोलते हैं तो सटीक और सीधा। वक्फ हो य संभल-मथुरा। सबपर सीएम योगी खुलकर अपनी बात जनता के बीच रखते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने सूबे के सभी डीएम को निर्देश दिए हैं कि वक्फ की जमीन पर कब्जा किए कब्जाधारियों की लिस्ट बनाएं। उन्हें भूमाफिया घोषित करें और मुकदमा दर्ज करते हुए माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजें। जिसका असर भी दिखने लगा है। गोरखपुर, प्रयागराज से लेकर संभल में अब वक्फ की जमीनों को कब्जाधारियों के चंगुल से छुड़ाए जाने के ऑपरेशन को लॉन्च कर दिया गया है। इतना ही नहीं संभल की शाही जामा मस्जिद का नाम भी बदल दिया गया और उसका नाया नामकरण भी हो गया। जिसके चलते पूरे संभल में जश्न का महौल है।
संभल में हरिहर मंदिर के मुद्दे पर भी सीएम योगी झुकने वाले नहीं हैं। सीएम योगी ने कहा है कि दोनों तरह के साक्ष्य हैं। शास्त्रीय प्रमाण हैं और आस्था के साक्ष्य भी हैं। सीएम योगी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि मुझे लगता है कि न्यायालय को हस्तक्षेप करने की नौबत न आए बल्कि इस्लाम के अनुयाइयों को बड़े सम्मानजनक ढंग से कहना चाहिए। सीएम योगी ने इल्लाम धर्म के मानने वालों से कहा है कि आप अपनी अमानत को संभालिए और सनानियों को उनकी धरोहरें सौंप दीजिए। मतलब साफ है कि हिंदुत्व के ध्वज वाहक के रूप में योगी आदित्यनाथ का कारवां रुकने वाला नहीं है।
सीएम योगी ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा है कि जो कोई भी भारतीय परंपराओं का सम्मान करता है, उसका स्वागत है। कई लोगों के पूर्वज दबाव में आकर इस्लाम धर्म अपना लिए थे, फिर भी वे भारतीय परंपराओं पर गर्व करते हैं। अगर ऐसे लोग, जो परंपराओं का पालन करते हैं, गंगा में डुबकी लगाने आते हैं, तो कोई समस्या नहीं है.। लेकिन अगर कोई जमीन पर दावा करने के इरादे से आता है, तो उन्हें डेंटिंग-पेंटिंग का सामना करना पड़ सकता है। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ का इशारा वक्फ बोर्ड के दावे पर जिसमें महाकुंभ की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया गया है। सीएम योगी ने वक्फ बोर्ड को भूमाफियाओं का बोर्ड बताया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो कहा था वह अब जमीन पर दिखने लगा है। संभल की शाही जामा मस्जिद का नाम बदल दिया गया है। अब इसे 'जुमा मस्जिद' कहा जाता है। एसआई ने जुमा मस्जिद के नाम का बोर्ड भी लगा दिया है। जिसके बाद हैदराबाद के ओवैसी मैदान पर उतर कर वक्फ के पक्ष में ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम की धारा 3डी के तहत एएसआई के तहत संरक्षित कोई भी संपत्ति वक्फ की संपत्ति नहीं हो सकती, जिसमें संभल की मस्जिद और देश भर में कई अन्य इस्लामी संरचनाएं शामिल हैं।
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए ओवैसी ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने उपयोगकर्ता द्वारा भूमि पर दावे को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, नए अधिनियम के अनुसार, उपयोगकर्ता की अवधारणा तभी लागू होगी जब भूमि विवादित न हो या सरकारी संपत्ति न हो। उन्होंने आगे कहा कि इस अधिनियम के साथ सभी एएसआई स्मारक जो वक्फ संपत्ति हैं, उनका पदनाम समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा, एएसआई की परिभाषा का विस्तार किया गया है। अब मैं वह संपत्ति खो दूंगा। औवैसी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक के कानून बन जाने के बाद संभल की जामा मस्जिद वक्फ की संपत्ति नहीं रह जाएगी। इसको हमसे छीन लिया जाएगा।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी, जिससे यह 5 अप्रैल 2025 को अधिनियम बन गया। मूल अधिनियम की धारा 3 में कई खंडों के साथ संशोधन किया गया है। ओवैसी द्वारा उल्लिखित धारा 3डी, संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र को वक्फ के रूप में घोषित करने को अमान्य बनाती है। इसमें लिखा हैः "इस अधिनियम के तहत या किसी पिछले अधिनियम के तहत वक्फ संपत्तियों के संबंध में जारी की गई कोई भी घोषणा या अधिसूचना अमान्य होगी, यदि ऐसी संपत्ति ऐसी घोषणा या अधिसूचना के समय प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904 या प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र थी।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम की धारा 3डी यह सुनिश्चित करती है कि विरासत कानूनों के तहत पहले से ही संरक्षित स्मारक या क्षेत्र के रूप में नामित किसी भी साइट पर कोई वक्फ दावा नहीं किया जा सकता है। यदि अतीत में ऐसी कोई घोषणा की गई थी, चाहे इस अधिनियम के तहत या पिछले अधिनियमों के तहत, तो इसे अब कानूनी रूप से शून्य माना जाएगा। इस प्रावधान का उद्देश्य ऐतिहासिक स्मारकों, विशेष रूप से एएसआई संरक्षण के तहत, धार्मिक दावों के तहत पुनर्वर्गीकृत या अतिक्रमण किए जाने से रोकना है, जिससे भारत की पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा हो सके।
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