छीना जाएगा सम्मान! भारत के पूर्व कप्तान का नाम स्टैंड्स से हटाया जाए, पारित हुआ आदेश

HCA ordered to remove M. Azharuddin Stand from Uppal Stadium: रोहित शर्मा को हाल ही में क्रिकेट का एक बड़ा सम्मान मिला. मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने वानखेड़े मैदान में उनके नाम पर स्टैंड्स का नामकरण किया.
किसी क्रिकेटर के नाम पर स्टैंड की घोषणा हो तो निश्चित ही सम्मान है, लेकिन इसी मिले सम्मान को छीन लिया जाए तो इसे क्या कहा जाएगा? जी हां ऐसा ही हो गया है, हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) को राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, उप्पल के नॉर्थ पवेलियन स्टैंड से मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम हटाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही संघ को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अब से किसी भी टिकट या सामग्री पर अजहरुद्दीन का नाम प्रकाशित न हो. यह आदेश एचसीए के लोकपाल और एथिक्स ऑफिसर न्यायमूर्ति वी. ईश्वरैया ने शनिवार को पारित किया.
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार यह फैसला लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया गया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि एचसीए के पूर्व अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी संस्थागत अनुमोदन के निजी लाभ के लिए स्टैंड का नामकरण किया, जो हितों के टकराव का स्पष्ट मामला है. अजहरुद्दीन भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रह चुके हैं. उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने सफलता के कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे. अजहरुद्दीन ने अपनी कप्तानी में भारत को 100 से ज्यादा मैचों में जीत दिलाई थी.

लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब की याचिका में आग्रह किया गया था कि अजहरुद्दीन द्वारा स्टैंड का नाम बदलने की ‘मनमानी और गैरकानूनी’ कार्रवाई को रद्द किया जाए और स्टैंड को पूर्ववत “वीवीएस लक्ष्मण स्टैंड” के रूप में ही मान्यता दी जाए. क्लब ने यह भी मांग की कि सभी साइनबोर्ड, टिकट और अन्य दस्तावेजों में इसी नाम का प्रयोग किया जाए. दरअसल यह स्टैंड पहले भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण के नाम पर था, जिसे अजहरुद्दीन के नाम पर किया गया था. लेकिन हितों के टकराव के मामले में निर्णय आने के बाद अब इसे वापस उन्हीं के नाम पर किया जाएगा.

याचिकाकर्ता ने यह भी रेखांकित किया कि अजहरुद्दीन द्वारा 'वीवीएस लक्ष्मण पवेलियन' के ऊपर अपने नाम का समावेश न केवल स्वेच्छाचारिता का मामला है, बल्कि इस निर्णय के लिए न तो एचसीए की जनरल बॉडी की सहमति ली गई और न ही एपेक्स काउंसिल की मंजूरी. न्यायमूर्ति ईश्वरैया ने अपने 25-पृष्ठीय आदेश में कहा, "यह निर्णय न तो एचसीए की जनरल बॉडी द्वारा अनुमोदित है और न ही उसमें कोई संशोधन किया गया है. इससे यह सिद्ध होता है कि उत्तरदाता संख्या 1 ने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए स्वयं को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया. इसके आधार पर यह स्पष्ट रूप से हितों के टकराव का मामला बनता है." इस फैसले के बाद अब एचसीए को संबंधित सभी चिन्हों और दस्तावेज़ों से अजहरुद्दीन का नाम हटाना होगा और स्टैंड को पूर्व की भांति वीवीएस लक्ष्मण के नाम से पुकारा जाएगा.
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