बेटे की करतूतों का खामियाजा भुगत रहा परिवार, आदिल के घर पर चला बुलडोजर; मां की चीख- 'सरेंडर कर ले बेटा'

सेना ने घर गिराने से पहले शहजादा बानो और उनके परिवार को सुरक्षित जगह पहुंचाया. बानो ने बताया कि उनके बेटे से 2018 से कोई संपर्क नहीं है. बानो ने कहा, ''29 अप्रैल 2018 को वह परीक्षा देने बडगाम गया था और फिर कभी वापस नहीं आया.''
मां की पुकार - 'आत्मसमर्पण कर दो बेटा'
बता दें कि आदिल की मां ने भावुक होकर कहा, ''अगर वह इस हमले में शामिल है, तो कानून के अनुसार कार्रवाई हो. लेकिन मैं चाहती हूं कि वह आत्मसमर्पण कर दे ताकि हम शांति से जी सकें.'' बानो ने यह भी आरोप लगाया कि जब सेना ने घर की तलाशी ली तो उन्हें कोई ठोस सबूत नहीं दिखाया गया. उन्होंने सवाल उठाया, ''आदिल घर आया था और खाना खाया था, लेकिन अगर ऐसा था तो उसे वहीं गिरफ्तार क्यों नहीं किया?''
परिवार के सदस्य हिरासत में
वहीं पहलगाम हमले के बाद आदिल के पिता वलीम मोहम्मद थोकर, भाई जाहिर और अर्शलम और चचेरे भाई जुलंकर व सज्जाद को हिरासत में लिया गया. खुद बानो को भी एक दिन के लिए पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया. बानो ने रोते हुए कहा, ''मेरा घर टूट गया, पति और बेटे जेल में हैं. अब कब तक पड़ोसी खाना खिलाएंगे?''
गांव में पसरा मातम
इसके अलावा, गुरी गांव के लगभग 4,000 लोगों के बीच सन्नाटा पसरा हुआ है. स्थानीय दुकानदार हफीज ने आदिल को एक मेहनती छात्र बताया जो खानबल के सरकारी कॉलेज से स्नातक और इग्नू से मास्टर डिग्री कर रहा था. हफीज ने कहा, ''वह पढ़ाई में खोया रहता था, किसी से ज्यादा घुलता-मिलता नहीं था." एक अन्य ग्रामीण तारिक अहमद ने हिरासत में लिए गए निर्दोष परिवारजनों की रिहाई की मांग की.
पाकिस्तान कनेक्शन की जांच
हालांकि खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, आदिल ने 2018 में पढ़ाई के बहाने पाकिस्तान का रुख किया था और अब 2024 में नियंत्रण रेखा पार कर भारत लौटा है. सुरक्षा बलों ने घर गिराने से पहले स्निफर डॉग्स की मदद से जांच की ताकि कोई विस्फोटक न छूटे.
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