यूपी में अवैध वक्फ संपत्तियां जब्त करेगी योगी सरकार, जिलाधिकारियों को अभियान चलाकर चिह्नित करने के निर्देश

इसके अलावा अधिकतर संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ घोषित किया जाना बताया जा रहा है।
सरकारी और ग्राम समाज की जमीनें वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं हो सकती हैं। इसके बाद भी प्रदेश में मनमाने तरीके से खलिहान, तालाब, पोखर और ऐसी ही न जाने कितनी संपत्तियों को मनमाने तरीके से वक्फ की घोषित कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश में पीलीभीत में तालाब की जमीन को वक्फ की घोषित किए जाने के बाद मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है। इसके आधार पर राजस्व विभाग पूरे प्रदेश में यह सर्वे करा रहा है कि कितनी ऐसी संपत्तियों को अवैध तरीके से वक्फ बता दिया गया है। जिलाधिकारियों से इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित है। नगरीय क्षेत्रों में स्थिति जेड 'ए' श्रेणी से भिन्न संपत्तियों को दर्ज नहीं किया जाता है। प्रदेश में स्थित वक्फ बोर्ड के रजिस्टर -37 में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 124355 और शिया वक्फ बोर्ड की 7785 संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन जिलाधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व अभिलेखों में सिर्फ 2533 सुन्नी और 430 शिया सपंत्तियां दर्ज हैं। इसका मतलब अन्य संपत्तियों का कोई भी उल्लेख राजस्व रिकार्ड में नहीं है। इससे माना जा रहा है कि इन संपत्तियों को राज्य सरकार ले सकती है।
योग सरकार अवैध रूप से घोषित की गई वक्फ की संपत्तियां जब्त करेगी। जिलाधिकारियों को अभियान चलाकर इसे चिह्नित करने का निर्देश दे दिया गया है। राजस्व विभाग के रिकार्ड के मुताबिक उनके अभिलेख में मात्र 2963 वक्फ संपत्तियां ही दर्ज हैं। इसके अलावा अधिकतर संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ घोषित किया जाना बताया जा रहा है।
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राजस्व विभाग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां सर्वे कराते हुए यह रिपोर्ट उपलब्ध कराएं कि उनके यहां कितनी ऐसी संपत्तियां है जिसे नियमों के इतर जाकर वक्फ की घोषित की गई हैं। ग्राम समाज और सरकारी जमीनों को वक्फ की संपत्तियां नहीं घोषित की जा सकती हैं। किसी के द्वारा दान दी जाने वाली संपत्ति को ही वक्फ का माना जा सकता है।
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