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पहलगाम में आतंकी हमले के बाद साइबर अटैक, भारतीय वेबसाइट्स पर दस लाख से ज्यादा हमले, अलर्ट जारी

 



जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद साइबर अटैक के मामलों को लेकर स्टेट सीआईडी साइबर सैल ने अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद प्रमुख भारतीय वेबसाइटों को निशाना बनाकर दस लाख से अधिक साइबर हमलों की सूचना मिली है। 

जवाब में भारतीय हैकर समूह, विशेष रूप से साइबर कमांडर काम कर रहे, ने सरकारी, शैक्षिक और आधिकारिक डाटाबेस सहित 1500 से अधिक पाकिस्तानी वेबसाइटों को हैक करने का दावा किया है और चेतावनी के रूप में संदेश अपलोड किए हैं। स्टेट सीआईडी के साइबर विभाग ने प्रदेश में पुलिस अधीक्षकों से सतर्कता बढ़ाने का आग्रह किया है। बताया जा रहा है कि ये हमले व्यक्तियों के बजाय समूहों द्वारा समन्वित प्रतीत होते हैं, जो संगठित साइबर युद्ध का एक रूप दर्शाता है। 

अधिकारियों ने अधिकांश हमलों की पहचान पाकिस्तान, मध्य पूर्व, मोरक्को और इंडोनेशिया से की है, जिसमें पाकिस्तान स्थित समूह टीम इनसेन पीके भारतीय सैन्य और शैक्षिक पोर्टलों को लक्षित करने में विशेष रूप से सक्रिय है।

जवाबी कार्रवाई में साइबर कमांडर समूह ने प्रमुख पाकिस्तानी साइटों पर सेंध लगाने का दावा किया है, जिसमें आधिकारिक वाहन लाइसेंस पोर्टल, संघीय राजस्व बोर्ड, वर्चुअल यूनिवर्सिटी ऑफ पाकिस्तान और 35 से अधिक शैक्षणिक और सरकारी ईमेल सर्वर शामिल हैं। 

इन साइटों पर पोस्ट किए गए संदेशों में पाकिस्तानी अधिकारियों को सीधी चेतावनी और भारत की साइबर क्षमताओं और आगे के हमलों से बचाव के लिए तैयार रहने के बयान शामिल थे। पाकिस्तानी साइटों पर हमलों की प्रकृति में पहचान की चोरी, डाटा से छेड़छाड़, सेवा में बाधा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे शामिल थे। भारतीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारतीय संस्थानों या नागरिकों पर किसी भी तरह के आगे के हमलों का मजबूत जवाबी उपाय किए जाएंगे।

शेयर न करें निजी जानकारी

डीआईजी मोहित चावला का कहना है कि पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद साइबर अटैक के मामलों को लेकर स्टेट प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों से सतर्कता बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि अज्ञात फोन कॉल का उत्तर न दें या संदिग्ध यूआरएल और लिंक पर क्लिक न करें। 

डीआईजी मोहित चावला ने कहा कि किसी व्यक्ति से या फोन पर कॉल पर अपनी निजी जानकारी और ओटीपी शेयर न करें। डीआईजी ने कहा कि कीमती व्यक्तिगत और ऐसी किसी भी घटना की साइबर सेल के पोर्टल पर रिपोर्ट करें। इसके अलावा साइबर हेल्प लाइन 1930 और इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर डिवीजन के नंबर 011-23438207 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

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