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HP News: एमरजेंसी में मुसीबत बनीं सोलर लाइट्स....

 


लोगों की सुविधा के लिए लगाई गईं सोलर लाइट्स अब मुसीबत बन रही हैं। इस समय देश में जिस तरह के हालात हैं, उसमें जरूरी है कि पूरी तरह से ब्लैक आउट किया जाए, परंतु यह ब्लैक आउट होगा कैसे, जब सोलर लाइट्स हर गांव की गली-गली में लगी हैं। 

हिमाचल प्रदेश में हजारों की संख्या में केंद्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं के तहत सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं। लोगों को कई जगहों पर सबसिडी में इस तरह की लाइट्स मिली हैं, तो हजारों लाइट्स पंचायतों के माध्यम और शहरी निकायों के माध्यम से लगाई गई हैं। इस समय जैसी देश में स्थिति चल रही है, उसके चलते यहां हर जगह पर ब्लैक आउट किया जा रहा है। गुरुवार रात के समय जब यहां हिमाचल में भी कुछ स्थानों पर ब्लैक आउट करने के निर्देश हुए, तो एक पसोपेश वाली स्थिति सामने आ गई। 

यह स्थिति केवल हिमाचल में ही नहीं, बल्कि चंडीगढ़ जैसे शहर में भी हुई, जहां पर दूसरी बत्तियां तो बुझा दी गईं, लेकिन सोलर लाइट्स को बंद नहीं किया जा सका। गौर हो कि राज्य में पंचायतों और शहरी निकायों में सोलर स्ट्रीट लाइट्स दी गई हैं।

हजारों की संख्या में लगी इन लाइट्स को बंद कैसे किया जाए। प्रदेश में जिलाधीशों के माध्यम से ब्लैक आउट के निर्देश जारी हो रहे हैं और कई क्षेत्रों में यह निर्देश जारी हो चुके हैं। ऐसी लाइट्स गांव में नहीं, शहरी क्षेत्रों में भी सभी जगहों पर हंै। 

यहां तक की जनजातीय क्षेत्रों में भी सोलर पावर का ही इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में वहां पर भी यदि ब्लैक आउट करना हो, तो इसमें काफी ज्यादा परेशानी है। फिलहाल पंचायती निकायों को यह कहा जा रहा है कि वे इन लाइट्स को काले कपड़े से ढंक दें या फिर गारबेज बैग उनके ऊपर डाल दें। इसके साथ यदि बैटरी की लाइट काटी जा सकती है, तो उसे काट दें। कुछ स्थानों पर प्रदेश में ऐसा किया भी गया है। उधर, शुक्रवार को शिमला में अधिकारियों की बैठक हुई। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को कहा गया कि वे सोलर लाइट्स को बंद करने के फरमान दें। फिलहाल विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है, क्योंकि जिलाधीशों को अपने स्तर पर निर्देश देने को कहा गया है।

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