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जय श्रीराम का नारा लगा गाजियाबाद के KFC रेस्टोरेंट में घुस गए हिंदू रक्षा दल के ये लोग, लड़की समझाती रही पर नहीं माने..

 

Ghaziabad KFC controversy

Ghaziabad KFC controversy

गाजियाबाद में एक कथित हिंदूवादी संगठन, हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने मशहूर फास्ट फूड रेस्टोरेंट को जबरन बंद करा दिया है. ये घटना गुरुवार की है और अब इस हंगामे का पूरा वीडियो भी सामने आ गया है. इस संगठन के लोगों का आरोप है कि KFC रेस्टोरेंट नॉनवेज बेच रहा है, जिससे सावन में कांवड़ियों की भावनाएं आहत हो रही हैं. हंगामे के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे इस संगठन के लोग जय श्रीराम, हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए भगवा झंडा लेकर KFC रेस्टोरेंट में घुस आते हैं. इस वीडियो में एक युवक को ये कहते हुए भी देखा जा सकता है कि ये हिंदुस्तान है, यहां जो हिंदू चाहेंगे वही होगा. 

क्या है KFC: केएफसी का फुल फॉर्म केंटुकी फ्राइड चिकन होता है. यह अमेरिका का एक मशहूर फास्ट फूड रेस्टोरेंट चेन है, जो फ्राइड चिकन की खासियत के लिए जानी जाती है. दुनियाभर के 150 से ज्यादा देशों में KFC के रेस्टोरेंट चेन हैं.

KFC का शटर जबरन बंद करा दिया

यहां हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने केएफसी रेस्टोरेंट का शटर जबरन बंद करा दिया. वायरल वीडियो में रेस्टोरेंट के ऑर्डर-पिकअप काउंटर पर मौजूद यहां काम करने वाली एक युवती उन्हें समझाते हुए नजर आ रही है. हालांकि इस समझाइश का इस संगठन के युवकों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. इसके उलट संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सावन के दौरान मांस बिक्री बंद नहीं की गई, तो आगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा. 

 

हंगामा कर रहे हिंदू संगठन के लोगों ने ने प्रशासन से मांग की है कि कांवड़ मार्ग के करीब में आने वाले सभी जगहों पर नॉनवेज सर्व कर रहे रेस्टोरेंट्स को सावन माह के दौरान बंद किया जाए. संगठन का कहना है कि इस दौरान बड़ी संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेकर निकलते हैं और ऐसे में मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है. 


सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ रूट पर होटलों के मालिकों के नाम लिखने वाले मामले में यूपी सरकार से मांगा है जवाब

आपको बता दें कि यूपी में कांवड़ यात्रा की शुरुआत से ही तमाम विवाद सामने आए हैं. ऐसा ही एक विवाद कांवड़ रूट पर मौजूद होटलों पर उनके मालिकों के नाम और पहचान वाला क्यूआर कोड लगाने को लेकर भी हुआ है. यूपी सरकार ने 25 जून को निर्देश दिया था कि कांवड़ यात्रा के रूट में आने वाले प्रतिष्ठानों के मालिकों को अपनी पहचान बतानी होगी. सरकार के इस फैसले इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल गई है. 

 

यह याचिका दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद और एक्टिविस्ट आकार पटेल की ओर से दाखिल की गई है. इस याचिका में तर्क दिया गया है कि यूपी सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का उल्लंघन है. आपको बता दें कि साल 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के एक ऐसे ही आदेश पर स्टे लगा दिया था जिसमें खाद्य विक्रेताओं को अपने मालिक और स्टाफ का नाम डिस्प्ले करने को कहा गया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है. यूपी सरकार को इस मामले में 22 जुलाई तक अपना जवाब देना है. 
 

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