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लक्ष्मी, रुचि सिंघल, प्रियंका, नूतन सिंह... आजमगढ़ मंडल में चयनित ये 22 सरकारी टीचर टर्मिनेट! मचा हड़कंप

 उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग ने आजमगढ़ मंडल के 22 शिक्षकों को फर्जी दस्तावेजों के कारण बर्खास्त कर दिया है. जानें इस बड़े घोटाले और अब तक की कार्रवाई के बारे में.

Azamgarh, teachers terminated (Representative Image).
Azamgarh, teachers terminated (Representative Image).

उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक बड़े करप्शन के मामले में आजमगढ़ मंडल में चयनित 22 शिक्षकों को टर्मिनेट किए जाने का फैसला लिया है. इन शिक्षकों पर आरोप है कि नियुक्ति के दौरान इन्होंने जो डॉक्युमेंट जमा किए थे, वो फर्जी पाए गए हैं. इनके अंकपत्र/प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से बनाए गए. अब इनकी सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. इसके अलावा इनपर FIR का भी आदेश दिया गया है. ये सारी नियुक्तियां 2014 की हैं. नियुक्ति के बाद से लेकर अबतक इन 22 शिक्षकों को जो वेतन भुगतान किया गया है, उसकी भी रिकवरी करने का आदेश जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया गया है. 

जो 22 टीचर टर्मिनेट हुए उनकी लिस्ट देखिए

शिक्षा निदेशक ने ऐक्शन के लिए जारी किया प्रेस नोट, जिला विद्यालय निरीक्षक को दिए गए ये निर्देश 

इस मामले में 20 अगस्त को शिक्षा निदेशक, यूपी की ओर से एक लेटर जारी किया गया है. इसमें ऐक्शन के लिए उन जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है, जिनके दायरे में ये 22 शिक्षक पोस्टेड हैं. जैसा कि ऊपर की लिस्ट में आप देख सकते हैं, ये शिक्षक जौनपुर, बलिया, आजमगढ़, मीरजापुर. बाराबंकी, सहारनपुर और लखनऊ जैसे जिलों में पोस्टेड हैं. 

 

प्रेस नोट में बताया गया है कि 21 अप्रैल 2014 को स्नातक वेतनक्रम में पुरुष और महिला संवर्ग में शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. आजमगढ़ मंडल में निकाला गया ये विज्ञापन सहायक अध्यापक के पद पर भर्ती का था. जो आवेदन आए उनकी मेरिट बनाकर काउंसिलिंग के माध्यम से ये खाली पद भरे गए थे. बाद में जब इन कैंडिडेट्स के डॉक्युमेंट की जांच हुई तो वो फर्जी निकले.

पिछले दिनों मऊ जिले में भी शिक्षक भर्ती घोटाला आया था सामने

पिछले दिनों यूपी के मऊ जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया था. यहां समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला था. इस मामले में 42 शिक्षकों की कथित फर्जी नियुक्ति के लिए 86 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक जांच के बाद इन 42 शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया गया था. 

मऊ की समाज कल्याण अधिकारी रश्मि मिश्रा की शिकायत पर 5 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी. इस केस में 86 लोगों को नामजद किया गया है. इसमें तीन पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी, तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी, चार खंड शिक्षा अधिकारी, विभाग के सुपरवाइजर/डेस्क सहायक, 42 शिक्षक और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के 19 प्रबंधक शामिल हैं.

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