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कांगड़ा से अध्यक्ष तो क्या, महामंत्री भी छिना, नई सूची में पूरे संसदीय क्षेत्र के जनजातीय समुदाय को मात्र एक पद


कांगड़ा संसदीय क्षेत्र प्रदेश की सियासत की एक धुरी है, उस संसदीय क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अध्यक्ष तो दूर की बात पार्टी ने महामंत्री जैसे महत्त्वपूर्ण पद देने की भी हिम्मत नहीं दिखाई। 

इतना ही नहीं, भाजपा की प्रदेश पदाधिकारी की नई सूची में प्रदेश के करीब 12 लाख ट्राइबल लोगों में सिर्फ एक ही पदाधिकारी, वह भी प्रदेश सचिव बनाया गया है। कांगड़ा व चंबा संसदीय क्षेत्र शिमला की सत्ता का द्वार माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ समय मेंं यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से कमजोर होता जा रहा है। भाजपा की प्रदेश कार्यासमिति की घोषणा से पूर्व पहले अध्यक्ष के लिए कांगड़ा के किसी चेहरे को जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन पार्टी ने डा. बिंदल पर विश्वास जताते हुए परिवर्तन नहीं किया।

इसके बाद कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उमीद थी। त्रिलोक कपूर जनजातीय समुदाय से सबंध रखते हैं, उनके पास महामंत्री का जिम्मा था, लेकिन अब ट्राइबल समुदाय से तिलक राज के रूप में एक प्रदेश सचिव बनाया गया है। 

जबकि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में डाक्टर सिकंदर और संजीव कटवाल दो महामंत्री बनाए गए हैं और कांगड़ा से एक भी छिन गया। डा. बिंदल से पहले एक बार सुरेश कश्यप और तीसरी बार बिंदल अध्यक्ष बने हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष और बिहारी लाल शर्मा के बदले पायल वैद्य मंडी संसदीय क्षेत्र से महामंत्री बनाई गई हैं। ऐसे में डा. राजीव बिंदल की टीम में क्षेत्र व जातीय संतुलन लेकर खासी चर्चा चल रही है। (एचडीएम)

परमार-भारद्वाज-काजल को ओहदा

भाजपा की प्रदेश टीम में कांगड़ा-चंबा से महामंत्री पद तो छिन गया, लेकिन सांसद डा. राजीव भारद्वाज, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार व विधायक पवन काजल को प्रदेश उपाध्यक्ष का जिम्मा सौंपा गया है। तीनों नेता, ब्राह्मण, राजपूत और ओबीसी वर्ग से संबंध रखते हैं।

सचिवों में चंबा का नाम

प्रदेश सचिवों की सूची में चंबा के तिलक राज व अमित ठाकुर को स्थान दिया गया है। इसके अलावा ओबीसी मोर्चा का जिम्मा कांगड़ा के राम लोक धनोटिया को दिया गया है।

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