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HP News: पांच साल में हर गारंटी पूरी होगी, जॉब ट्रेनी पॉलिसी अनुबंध जैसी, CM ने विधानसभा में दिया जवाब

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार ने रोजगार की बात जो घोषणा पत्र में की है, उसे पूरा कर रहे हैं। पांच साल में घोषणा पत्र की गारंटियों को पूरा किया जाएगा। जो वादा हमने अपनी बहनों को 1500 रुपए देने का किया है, पांच साल पूरे होने से पहले उसे भी पूरा करेंगे। 

वह बुधवार को विधानसभा में रोजगार से संबंधित विपक्ष के सवाल का जवाब दे रहे थे। यह सवाल भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार और सतपाल सती का था, जिसमें सरकारी क्षेत्र में नए पदों के सृजन को लेकर उत्तर मांगा गया था, लेकिन विपक्ष इस सवाल को रोजगार और गारंटियों की तरफ ले गया। 

जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने टीजीटी के 3000 और जेबीटी के 1500 पद बैचवाइज भरे हैं। इसके बाद शिक्षा के क्षेत्र में हम 21 नंबर से पांचवें नंबर पर आ गए हैं। भाजपा की सरकार में नए संस्थान खोले गए, लेकिन इनमें कर्मचारी नहीं दिए गए। 

हमारी सरकार में बीते दो वर्षों में 5,960 नए सरकारी पद सृजित किए गए हैं, जबकि 1,783 गैरजरूरी पद समाप्त किए गए हैं। शिक्षा विभाग में 7,000, पंप ऑपरेटर के 5,000, नर्सिंग में 1,100 स्टाफ की नियुक्ति की जा चुकी है। वन विभाग में 2,061 वन मित्रों को नौकरी दी गई है।

साथ ही विभिन्न विभागों में 1,300 पुलिस भर्ती के लिखित परीक्षा परिणाम भी आ चुके हैं। इसके अलावा 6,200 आया और 6,000 एनटीटी की नियुक्ति अगले दो महीनों में की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेशों में रोजगार के लिए हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को केंद्र सरकार से लाइसेंस मिला है।

इसके तहत युवाओं को सऊदी अरब सहित अन्य देशों में रोजगार भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जॉब ट्रेनिंग पॉलिसी को लेकर भी स्थिति साफ की। भाजपा विधायक सतपाल सती ने यह अनुपूरक सवाल पूछा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉब ट्रेनिंग पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट का ही दूसरा नाम है। कोर्ट के फैसले के कारण यह प्रक्रिया बदलनी पड़ी है। 

जो भी अभ्यर्थी राज्य चयन आयोग से चयनित होकर नौकरी पाएगा, वह पक्की नौकरी ही होगी। मुख्यमंत्री के जवाब के बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सतपाल सती और बिक्रम ठाकुर के अनुपूरक सवालों पर काफी हंगामा हुआ और इसी शोर शराबे में भाजपा के विधायक सदन छोडक़र चले गए। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे वॉकआउट मानने से इनकार किया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से बाहर नारेबाजी भी की।

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