HP News : प्यार में हत्यारा बना बाबा, युवती की जान लेकर जमीन मेें गाड़ दी थी लाश
गेरुआ पर खून के छींटे उड़ा भगवा को बदनाम करने वाले कथित बाबा को हत्या के एक मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ऊना ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। भगवा धारण करने के बावजूद उपमंडल गगरेट के जाड़ला कोयड़ी के एक डेरे में रह रहे बाबा पर कामना वासना ऐसे सवार हुई की एकतरफा प्यार में कामयाब न होने पर उसने एक युवती की हत्या कर शव जमीन में गाड़ दिया था।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजिंदर कुमार की अदालत ने कथित बाबा विद्या गिरी उर्फ विकास दुबे को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वर्ष 2021 में उपमंडल गगरेट के जाड़ला कोयड़ी गांव की एक युवती रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गई।
इसके कुछ ही दिन बाद उसका शव जाड़ला कोयड़ी गांव में ही स्थित एक डेरे के पीछे जमीन में दबा हुआ पाया गया था। पुलिस ने जब डेरे के सीसीटीवी कैमरे देखे तो कथित बाबा विद्या गिरी उर्फ विकास दुबे को कचरा ले जाने वाली एक ट्राली को ले जाते देखा गया।
जब पुलिस ने डेरे के आसपास तलाश शुरू की तो युवती का शव जमीन में दबा पाया गया। इस मामले में पुलिस ने विद्या गिरी उर्फ विकास दुबे को गिरफ्तार कर जब गहन जांच की तो पाया कि विद्या गिरी भगवा धारण करने के बाद भी अपने मन पर नियंत्रण नहीं कर पाया और डेरे के पास के ही एक घर की युवती से एकतरफा प्यार करने लगा।
एक दिन मौका पाकर उसने युवती से कुछ गलत करना चाहा लेकिन जब युवती ने इसका विरोध किया तो उसने युवती को मौत के घाट उतार दिया और शव डेरे के पीछे जमीन में दबा दिया। बेशक इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था लेकिन सहायक न्यायवादी नवीन धीमान द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश किए गए सबूतों के आधार पर न्यायालय ने विद्या गिरी उर्फ विकास दुबे को हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास के साथ पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
जुर्माना न देने पर एक साल कैद
जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक साल का सश्रम कारावास और सबूतों को नष्ट करने पर तीन साल का सश्रम कारावास व दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर छह माह के कारावास की सजा भी भुगतनी होगी। सहायक न्यायवादी नवीन धीमान ने इसकी पुष्टि की है।
ढोंगी बाबा का पर्दाफाश
युवती की हत्या कर शव दबाने का मामला उजागर होने के बाद उग्र जनता ने डेरा घेर लिया था और जिस कमरे में आरोपी विद्या गिरी उर्फ विकास दुबे को रखा गया था उसे भी तोडऩे का प्रयास किया था। उस समय तत्कालीन डीएसपी सृष्टि पांडे, एसएचओ दर्शन सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों ने अपनी जान पर खेल कर आरोपी की जान बचाकर कानून को जिंदा रखा था। इसी का नतीजा है कि भगवा धारण कर कामनवासना में लिप्त एक ढोंगी बाबा आज न सिर्फ बेनकाब हो पाया बल्कि उसे अब उम्रकैद की सजा भी हुई है।
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