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मेरठ में आयोजित हुई रामभद्राचार्य की रामकथा से फंस गए गाजियाबाद के कारोबारी अनुज अग्रवाल के 42 लाख, उनके साथ गजब ही हुआ.

 

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UP News: मेरठ में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की रामकथा का आयोजन काफी चर्चाओं में रहा. कभी रामभद्राचार्य के पश्चिम यूपी को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहने वाले बयानों से बड़ा विवाद खड़ा हुआ तो अब एक ओर विवाद रामभद्राचार्य की रामकथा के आयोजन से सामने आया है.
 
दरअसल रामकथा के लिए आयोजकों ने गाजियाबाद के टेंट कारोबारी  से संपर्क किया था और रामकथा के लिए भव्य टेंट लगवाया था. अब गाजियाबाद के उसी टेंट कारोबारी ने रामकथा आयोजकों पर सनसनीखेज और गंभीर आरोप लगा दिए हैं.
 
टेंट कारोबारी अनुज अग्रवाल का कहना है कि आयोजकों ने अभी तक उन्हें बकाया 42 लाख रुपयों का भुगतान नहीं किया है. कारोबारी अनुज अग्रवाल का कहना है कि टेंट का पूरा सौदा 87 लाख रुपए में हुआ था. मगर अभी तक उन्हें 45 लाख ही मिले हैं. अब जब वह आयोजकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, तो सामने से कॉल ही नहीं उठ रहा है. आपको ये भी बता दें कि इस मामले की अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. 


42 लाख रुपये का भुगतान ही नहीं किया

गाजियाबाद के टेंट कारोबारी अनुज अग्रवाल का कहना है कि उनकी कंपनी AB इमीग्रेशन एक्टिविटी ने कथा पंडाल और टेंटिंग का पूरा काम संभाला था. शुरू में एक करोड़ 21 लाख रुपये बताए गए थे, लेकिन बातचीत के बाद सौदा 87 लाख रुपये में तय हुआ था. कारोबारी के मुताबिक, 4 सितंबर के दिन 20 लाख रुपये की पहली किश्त दी गई और आगे एडवांस देने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद अब तक केवल 45 लाख रुपये का ही भुगतान हुआ है.

अब आयोजक मिल ही नहीं रहे- कारोबारी

कारोबारी का कहना है कि बाकी बचे 42 लाख रुपये अभी तक उन्हें नहीं मिले हैं. इसको लेकर जब उन्होंने आयोजकों से मिलने की कोशिश की तो उन्हें कथित तौर पर मिलने नहीं दिया गया. उनका आरोप है कि आयोजक संस्था दिव्य शक्ति ट्रस्ट से जुड़े कई लोग, जिनमें सुनील शुक्ला और संतोष शुक्ला भी शमिल हैं, वह फोन भी नहीं उठा रहे हैं.

कारोबारी अनुज अग्रवाल का कहना है कि इस आयोजन के लिए उन्हें मेरठ के स्थानीय वेंडरों से भी कुछ सामान लिया था. अब वह उन्हें भी भुगतान नहीं करवा पा रहे हैं, जिससे उनका सामान भी मेरठ में ही रोक लिया गया है. कारोबारी अनुज अग्रवाल ने प्रशासन से अपील की है कि बकाया राशि दिलाने में मदद की जाए. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.

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