बहराइच हिंसा की तफ्तीश के बीच हमें मिला वो पुलिस रजिस्टर जो 13 साल में अपडेट ही नहीं हुआ!

Bahraich News: बहराइच में पिछले दिनों धार्मिक तनाव के बाद भड़की हिंसा के घाव आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं. इस हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के परिजन आज भी कह रहे हैं कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला है. राम गोपाल की हत्या और हिंसा फैलाने के पांच मुख्य आरोपी अरेस्ट कर लिए गए हैं जिनमें दो को एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया. बहराइच में लापरवाही बरतने वाले पुलिसवालों पर भी एक्शन हुआ है. इस बीच बहराइच हिंसा की तफ्तीश में जुटी यूपी Tak की टीम को एक बड़ी लापरवाही का सबूत मिला है. यह लापरवाही एक खास रजिस्टर से लेकर जुड़ी हुई है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
असल में अब जब बहराइच हिंसा की वजह तलाशी जा रही है तो अफसरो की बड़ी चूक सामने आई है. बहराइच के जिस हरदी थाने के महाराजगंज इलाके में हिंसा हुई उस थाने के त्यौहार रजिस्टर में बीते 13 साल से कोई जानकारी दर्ज ही नहीं की गई है. इस रजिस्टर में आखिरी जानकारी 2011 में गणेश चतुर्थी के दौरान हरदी थाने में तैनात तत्कालीन थानाध्यक्ष ने एंट्री की है. 2011 से 2024 तक किसी थानेदार ने त्योहार रजिस्टर में इलाके की सूचनाओं को, निकलने वाले जुलूस, धार्मिक आयोजन का कोई जिक्र नहीं किया है. त्यौहार रजिस्टर में इलाके के उपद्रवी और गड़बड़ी फैलाने वालों का भी जिक्र नहीं किया गया है.
क्या होता है त्यौहार रजिस्टर?
यह एक खास रजिस्टर होता है जिसमें हर थाने अपने एरिया के बारे में एंट्री करते हैं. इसमें हर त्यौहार के बाद खास जानकारी एंट्री की जाती है. जैसे कि त्यौहार के दौरान किसने गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की, कितनी फोर्स, लगाई गई, क्या क्या कमी रह गई जिसको दूर किया जाना चाहिए. इतनी महत्वपूर्ण सूचनाओं वाले त्यौहार रजिस्टर में एंट्री को लेकर अब बड़ी लापरवाही सामने आई है.
आपको बता दें कि थानों में मुआयने के दौरान CO, एडिशनल SP से लेकर जिलों के कप्तान तक इस रजिस्टर में एंट्री की चेकिंग करते हैं. ऐसे में 13 साल से त्यौहार रजिस्टर में कोई एंट्री नहीं हुई तो बड़ा सवाल यह है कि क्या किसी अफसर ने भी 13 साल में थाने का ना तो निरीक्षण किया और ना रजिस्टर में एंट्री की?
सवाल यह भी है कि क्या बीते 9 महीने से बहराइच की एसपी रही वृद्धा शुक्ला ने भी हरदी थाने का त्यौहार रजिस्टर चेक करने की जहमत नहीं उठाई? आपको बता दें कि ऐसा तब हुआ है जबकि CO महसी रहे रूपेंद्र गौड़ ने 12 सितम्बर 2024 को ही इस सम्बन्ध में SP को अपनी रिपोर्ट भेजी थी.
बहराइच में और भी लापरवाही आई थीं सामने
आपको बता दें हिंसा के बाद बहराइच पुलिस लाइन में एंटी राइट उपकरण भी चालू हालत में नहीं मिले थे. Anti riot उपकरण समय रहते ना तो चेक किए गए और ना ही कभी एंटी राइट ड्रिल की गई. बहराइच पुलिस की इस बड़ी चूक की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दी गई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ इंटेलीजेंस ने भी अपनी रिपोर्ट में इस लापरवाही का जिक्र किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस संबंध में विभागीय कार्रवाई देखने को मिल सकती है.
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