भारतीय क्यों छोड़ रहे नागरिकता? चौंकाने वाला डेटा, हर साल लाखों लोग सरेंडर कर रहे पासपोर्ट

दुनियाभर के बहुत सारे ऐसे देश हैं जहां भारतीय कामकाज के सिलसिले में जाते हैं। बहुत सारे भारतीय नागरिक नौकरी या रोजगार के लिए विदेश जाते है और वहीं बस जाते हैं। पूरी दुनिया के अलग-अलग देशों जैसे यूएस, यूके, कनाडा आदि में बड़ी संख्या में भारतीय रह रहे हैं और वहां की नागरिकता भी हासिल कर चुके हैं।
हाल ही में 1 लाख रुपये महीना कमाने वाले एक 23 वर्षीय इंडियन आईटी इंजीनियर ने अपने फ्यूचर प्लान के बारे में बात करते हुए नई बहस छेड़ दी। इस युवक को लगता है कि उसके दोस्त विदेश में हायर स्टडीज कर रहे हैं और अब उसके मन में सवाल यह है कि भारत में रहना या फिर विदेश में बस जाना, इन दोनों में बेहतर विकल्प क्या है।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में बहुत सारे भारतीयों ने विदेश में बसने के लिए अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 2011 से जून 2023 तक 1.75 मिलियन (10 लाख 75000) भारतीयों ने अपनी इच्छा से भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। इन भारतीयों ने एंटीगुआ, ब्राजील, आइसलैंड से लेकर वेटिकन सिटी, यूएस, यूके, फ्रांस, जर्मनी जैसे करीब 135 देशों में बसने के लिए भारतीय नागरिकता छोड़ दी।
बता दें कि फिलहाल भारत में डुअल सिटीजनशिप पॉलिसी नहीं है। भारत के संविधान के आर्टिकट 9 और Citizenship Act, 1955 के सेक्शन 9 के तहत देश में दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति नहीं है।
मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में 1,63,370 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। वहीं 2022 में 2,25,620 लोगों ने, 2023 में 2,16,219 और जून 2024 तक 87,026 लोगों ने अपनी नागरिकता त्याग दी।
साल 2011 से 2020 के बीच कितने लोगों ने छोड़ी नागरिकता
साल नागरिकता छोड़ने वाले लोगों की संख्या
साल | नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या |
2011 | 1,22,819 |
2012 | 1,20,923 |
2013 | 1,31,405 |
2014 | 1,29,328 |
2015 | 1,31,489 |
2016 | 1,41,603 |
2017 | 1,33,049 |
2018 | 1,34,561 |
2019 | 1,44,017 |
2020 | 85,256 |
इस डेटा से पता चलता है कि 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने अपनी नागरिकता स्वेच्छा से छोड़ दी। वहीं 2022 और जून 2023 तक इस आंकड़े में रिकॉर्ड इजाफा हुआ और 87,026 लोगों ने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। साल 2022 में सबसे ज्यादा 2,25,620 भारतीयों ने अपना भारतीय पासपोर्ट, विदेशी नागरिकता लेने के लिए सरेंडर कर दिया।
जानें किन देशों में भारतीयों ने 2022 में अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी
यूएसए (USA): 71991
कनाडा (Canada): 60139
ऑस्ट्रेलिया (Australia): 40377
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom): 21457
न्यूजीलैंड (New Zealand): 7911
इटली (Italy): 3839
जर्मनी (Germany): 3179
नीदरलैंड्स (Netherlands): 2345
सिंगापुर (Singapore): 2695
स्वीडन (Sweden): 1970
हालांकि, Henley Private Wealth Migration Report 2023 के मुताबिक, भारत की दौलत में कमी आई है और ब्रिटेन रईसों के मामले में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। 2024 में करीब 4300 अरबपतियो द्वारा देश छोड़े जाने की उम्मीद है।
विदेशों में बस रहे भारतीय
पिछले करीब दो दशकों के दौरान बड़ी संख्या में भारत के नागरिक दुनियाभर में काम के अवसर खोज रहे हैं। MEA द्वारा संसद में शेयर की गई रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 13 मिलियन भारतीय नागरिक जिनमें मजदूर, पेशेवर और एक्सपर्ट्स फिलहाल विदेशों में रह रहे हैं।
इनमें से कई सारे लोगों ने निजी सुविधा के चलते विदेशी नागरिकता का चुनाव किया है। रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीय नागरिकों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग विदेश में ही रोजगार के लिए बस जाते हैं और फिर निजी कारणों के चलते विदेशी नागरिकता ले लेते हैं।
विदेशों में काम कर रहे लोगों की संख्या
यूनाइटेड अरब अमीरात: 35.54 लाख
सऊदी अरबिया: 22.19 लाख
कुवैत: 8.29 लाख
कतर: 8 लाख
ओमान: 5.30 लाख
विदेशों में बसे भारतीय: Overseas Citizen of India
ओवरसीज सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया (OCI) स्कीम को अगस्त 2005 में Citizenship Act, 1955 में संशोधन करके पेश किया गया था। इस स्कीम के जरिए भारतीय ओरिजिन (PIOs) के सभी लोग ओवरसीज सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI) के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ऐसे नागरिकों का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
ओसीआई को ‘दोहरी नागरिकता’ के रूप में गलत नहीं समझा जाना चाहिए। OCI राजनीतिक अधिकार प्रदान नहीं करता है। भारत के पंजीकृत प्रवासी नागरिक संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत भारत के नागरिक को प्रदत्त अधिकारों के हकदार नहीं होंगे।
भारत के एक पंजीकृत प्रवासी नागरिक को भारत आने के लिए बहुप्रवेश (multiple entry) , बहुउद्देश्यीय (multi-purpose) लाइफ लॉन्ग वीजा दिया जाता है, उसे भारत में किसी भी अवधि के लिए Foreign Regional Registration Officer या विदेशी पंजीकरण अधिकारी के साथ पंजीकरण से छूट दी जाती है। और वह इसका हकदार है आर्थिक, वित्तीय और शैक्षिक क्षेत्रों में उन्हें उपलब्ध सभी सुविधाओं के संबंध में अनिवासी भारतीयों के साथ सामान्य समानता।
31 जनवरी 2022 तक करीब 40.68 लाख OCI रजिस्ट्रेश कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
No comments