97 फीसदी करीब आ गई थी मौत.इन 4 देसी चीजों ने बचाई जान, जानें सिद्धू की पत्नी ने कैसे स्टेज-4 कैंसर को दी मात

सिद्धू ने बताया कि सही खान-पान और जीवनशैली की वजह से उनकी पत्नी स्टेज-4 कैंसर से सिर्फ 40 दिन में ठीक हो गईं। डॉक्टरों के बचने के 3 प्रतिशत चांस को गलत साबित करते हुए उन्होंने न सिर्फ खुद को ठीक किया बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनीं। उन्होंने बताया कि कैंसर के इलाज के दौरान उनकी पत्नी ने आयुर्वेदिक डाइट अपनाई। इस डाइट को फॉलो करने से न सिर्फ कैंसर ठीक हुआ बल्कि सिद्धू का खुद का फैटी लीवर भी पूरी तरह से ठीक हो गया और उनका 25 किलो वजन भी कम हो गया।
उपवास: कैंसर कोशिकाओं के लिए ‘प्राकृतिक दवा’
सिद्धू के अनुसार, उनकी पत्नी शाम 6:30 बजे तक खाना खा लेती थीं और अगले दिन सुबह 10 बजे तक सिर्फ़ नींबू पानी पीती थीं। इस उपवास प्रक्रिया से शरीर में कैंसर कोशिकाएं अपने आप मरने लगती हैं। सिद्धू ने उपवास को आहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
चीनी और कार्बोहाइड्रेट का त्याग
सिद्धू ने बताया कि चीनी और कार्बोहाइड्रेट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करते हैं। इसलिए उनकी पत्नी ने आहार से चीनी और कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह से हटाकर इसे कैंसर के उपचार का प्रमुख हिस्सा बना लिया। यह तरीका फैटी लीवर के इलाज में भी उतना ही कारगर है।
हर्बल चाय का जादू
कैंसर के उपचार के दौरान सिद्धू की पत्नी को एक खास हर्बल चाय दी गई। इसे बनाने के लिए दालचीनी, काली मिर्च, लौंग और इलायची को पानी में उबाला गया। मिठास के लिए इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाया गया। यह चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है और शरीर को अंदर से मजबूत बनाती है।
कैंसर रोधी आहार
उनके आहार में लौकी का जूस, नट्स, चुकंदर, गाजर और आंवला का जूस शामिल था। रात के खाने में रोटी और चावल की जगह क्विनोआ दिया गया, जो कैंसर रोधी और सूजन रोधी गुणों से भरपूर है। नारियल का भी खूब इस्तेमाल किया गया। सिद्धू ने बताया कि हम स्वाद के चक्कर में अपने शरीर को खराब कर लेते हैं। उन्होंने सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और सही आहार का पालन करने की सलाह दी।
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