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मिल्कीपुर का एग्जिट पोल: जबर्दस्त वोटिंग के बाद सपा जीत रही या BJP, देख लीजिए नया Exit Poll

 

Milkipur by election exit poll
Milkipur by election exit poll

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर मतदान पूरा हो चुका है. अब सबकी नजरें चुनावी नतीजों पर टिकी हैं. इस बीच यूपी Tak ने मिल्कीपुर के छह वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत कर एक एग्जिट पोल तैयार किया है. इस ग्राउंड रिपोर्ट में वोटिंग ट्रेंड्स, बूथ कैप्चरिंग के आरोपों, विकास के मुद्दे और जातीय समीकरणों को लेकर चर्चा हुई है. ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि पत्रकारों के इस एक्जिट पोल में बीजेपी या सपा किसका पलड़ा भारी है.  

यूपी Tak से बात करते हुए स्थानीय पत्रकार शक्ति सिंह ने बताया कि 'फिलहाल बीजेपी का पलड़ा भारी है. वहीं फर्जी वोटिंग को लेकर उन्होंने बताया कि जनता का ऐसा कहना है कि कहीं कि चुनाव के बीच कहीं कोई फर्जी वोट नहीं डाला गया है.'

 

वहीं पत्रकार विनोद तिवारी ने बताया कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट के 414 बूथ में 250 बूथ एकतरफा यानी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जा रहे हैं. विनोद ने बताया कि बीजेपी के नेताओं ने जो इस चुनाव को लेकर चौपालें की हैं उसका पूरा फायदा उन्हें मिलता हुआ दिख रहा है. 

राम मंदिर और जातीय समीकरण BJP के पक्ष में

मिल्कीपुर में राम मंदिर मुद्दा भी एक बड़ा फैक्टर रहा. वरिष्ठ पत्रकार अनिल मिश्रा के अनुसार, "राम मंदिर की बात जिसने की उसे मिल्कीपुर की जनता ने गंभीरता से लिया. भाजपा ने दलित और छोटे कार्यकर्ताओं को जोड़ा और चुनावी कैंपेनिंग में पूरी ताकत झोंक दी." जातीय समीकरण की बात करें तो पासी, ब्राह्मण, और ठाकुर वोटर्स BJP के समर्थन में नजर आए. ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए भाजपा ने कई स्थानीय प्रभावशाली नेताओं को प्रचार में उतारा. 

सपा के लिए मुश्किलें, PDA फॉर्मूला कमजोर

समाजवादी पार्टी ने चुनाव में PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) गठजोड़ को आधार बनाया. लेकिन भाजपा ने जातीय समीकरणों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए मजबूत रणनीति अपनाई.

 

वहीं पत्रकार राजीव सिब्बल ने कहा कि, सपा का PDA फॉर्मूला मिल्कीपुर में प्रभावी नहीं दिखा. वोटरों के लिए प्राथमिकता विकास का मुद्दा रहा  जिसमें भाजपा को बढ़त मिल रही है.

 

 

 

 

क्या थे चुनावी दिन के मुख्य मुद्दे?

वोटिंग प्रतिशत बढ़ा – 3 बजे तक ही 57% वोटिंग हो चुकी थी, जो पिछले चुनाव से ज्यादा थी.

विकास मुख्य मुद्दा – ग्रामीण इलाकों में सड़कों, किसानों की समस्याओं और सरकारी योजनाओं पर चर्चा रही.

बूथ कैप्चरिंग के आरोप बेबुनियाद? – पत्रकारों के मुताबिक, कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं दिखी, प्रशासन मुस्तैद रहा

सपा के अजीत प्रसाद के लिए मुश्किलें – चुनावी दिन सपा कार्यकर्ताओं में निराशा दिखी, जबकि BJP कार्यकर्ता पूरे जोश में रहे.

इस एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा को बढ़त मिल रही है. लेकिन अंतिम नतीजों में सटीक तस्वीर EVM खुलने के बाद ही साफ होगी. अगर पिछले दो उपचुनावों की तरह सपा वापसी करती है तो यह बड़ा उलटफेर होगा. फिलहाल BJP की स्थिति मजबूत नजर आ रही है.

अब देखना होगा कि क्या एग्जिट पोल का आकलन सही साबित होता है, या सपा चौंकाने वाला प्रदर्शन करती है.

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