सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: मियां-तियां या पाकिस्तानी कहना गलत, पर अपराध नहीं
किसी को ‘मियां-तियां’ या ‘पाकिस्तानी’ कहना गलत और आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं माना जा सकता। ऐसा कहे जाने पर धार्मिक भावनाएं आहत किए जाने के मामले में भी केस दर्ज नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह अहम फैसला दिया है। अदालत ने यह बात 80 साल के एक शख्स के खिलाफ दर्ज केस को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
बुजुर्ग पर आरोप था कि उन्होंने एक व्यक्ति को मियां-तियां और पाकिस्तानी कहा था। इससे उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं और इसी मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। लेकिन उस केस को जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बैंच ने खारिज कर दिया।
बैंच ने कहा कि बुजुर्ग पर आरोप है कि उन्होंने मियां-तियां और पाकिस्तानी कह धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। निसंदेह उनकी टिप्पणी खराब है और गलत तरीके से की गई, लेकिन इससे उस व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होतीं, जिससे यह बात कही गई।
यह मामला झारखंड के बोकारो का है, जहां के एक उर्दू अनुवादक मोहम्मद शमीमुद्दीन ने आरोप लगाया था कि बुजुर्ग ने उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद बुजुर्ग को राहत दी है। कोर्ट ने साफ किया कि उनकी टिप्पणी गलत तो है, लेकिन आपराधिक केस नहीं बना सकते। यह मामला अब ऐसे अन्य केसों के लिए भी नजीर बन सकता है।
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