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HP News: क्योंकि शौक बड़ी चीज है; हिमाचल में फैंसी गाड़ी के नंबरों का बढ़ा क्रेज, सरकार ने कमाए 23.57 करोड़

 


अपने वाहनों पर फेंसी नंबर लगाकर दूसरों पर धाक जमाने में हिमाचली भी पीछे नहीें है। अमूमन दिल्ली श चंडीगढ़ जैसे महानगरों में रहने वाले लोग इस तरह के नंबर अपने वाहनों पर लगाकर फर्राटे भरते हैं मगर अब हिमाचल के लोगों में भी यह क्रेज हो गया है। 

इससे सरकार को भी अच्छी खासी कमाई होने लगी है और सरकार भी चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस तरह के नंबर लें ताकि ज्यादा कमाई हो। जो आंकड़े सामने आए हैं उससे साफ हो गया है कि लोगों में इसका काफी ज्यादा क्रेज है और लाखों रुपए देकर लोग इस तरह के नंबर लेना चाहते हैं।

फेंंसी नंबर बेचने की सरकार की युक्ति काम कर गई है। इससे सरकार के परिवहन विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में 23.57 करोड़ रुपए की कमाई की है जबकि इससे पहले ऐसे नंबर सिफारिशों पर दिए जाते थे या फिर वीवीआईपी के पास ही इस तरह के नंबर होते थे। 

मगर सरकार ने इसकी बोली लगाने की योजना बनाई और इसमें कामयाबी हासिल हुई है। यही कारण है कि अब नए वित्त वर्ष में सरकार ने इन नंबरों की बिक्री से 31.58 करोड़ रुपए की कमाई का टारगेट रखा है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 

अभी तक 0001 नंबर पांच लाख रुपए तक बिकता है और इन नंबरों के लिए पहले से बोलीदाता को रिजर्व प्राइज रखा जाता है। इस रिजर्व प्राइज को आने वाले समय में बढ़ाया जा सकता है, ताकि उतना पैसा तो सरकार को मिलेगा उससे ऊपर बोली का पैसा भी मिलेगा।

फेंसी नंबर से अच्छी कमाई हुई है, जिसको देखते हुए अगला टारगेट बढ़ा दिया गया है। पिछले वित्त वर्ष में विभाग ने 23.57 करोड़ की कमाई की है, जो सबसे ज्यादा बोली देगा उसे ही नंबर बेचा जाएगा। फील्ड से सभी आंकड़े जुटाने के बाद नया टारगेट तय किया है और उम्मीद है कि टारगेट से ज्यादा की कमाई होगी12 हजार लोगों से गाडिय़ों पर लगाए फेंसी नंबर

हिमाचल प्रदेश के करीब 12 हजार लोगों ने अब तक अपने वाहनों के लिए फेंसी नंबर हासिल किए हैं। सबसे ज्यादा डिमांड बॉर्डर एरिया में है। यानी बीबीएन एरिया के साथ ऊना जिला में इन नंबरों की ज्यादा डिमांड बताई जा रही है। वहीं पहाड़ के लोगों ने भी अपने वाहनों के लिए इस तरह के नंबर बोली लगाकर हासिल किए हैं।

प्रदेश में 0001 नंबर की गाडिय़ां 33 लोगों के पास

प्रदेश में 0001 नंबर की गाडिय़ां 33 लोगों के पास है। इनसे परिवहन विभाग को 3.26 करोड़ रुपए की राशि हासिल हुई है। इस नंबर का क्रेज काफी ज्यादा है मगर इसके लिए पैसा काफी ज्यादा लगता है। बोली में पांच लाख रुपए से भी ऊपर के नंबर बिक चुके हैं। लोगों का यह क्रेज कम नहीं हो रहा है बल्कि इनकी डिमांड है।

ठियोग में 12.50 लाख रुपए में बिका नंबर

ठियोग आरएलए का नंबर 12.50 लाख में बिका है, जबकि श्री नयनादेवी के स्वारघाट आरएलए का नंबर नौ लाख में बिका है। परिवहन विभाग ने गाडिय़ों के लिए फैंसी नंबर लेने के लिए पिछले साल नियमों में बदलाव किया था। 0001 लेने के लिए पांच लाख से बोली शुरू करने का नियम बनाया गया था।

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