आयुष्मान योजना केंद्र की, पैसा लग रहा हिमाचल का,अब तक 3.71 लाख रोगियों पर 485 करोड़ खर्च

भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना आयुष्मान भारत या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना हिमाचल में अब हांफने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि स्कीम केंद्र सरकार की है और खर्चा हिमाचल सरकार पर बढ़ता जा रहा है, जबकि राज्य सरकार आयुष्मान से छूटे लोगों के लिए हिम केयर अलग से चला रही है, जिसमें भी आयुष्मान की तरह पांच लाख का नि:शुल्क इलाज है।
हिमाचल प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना 23 सितंबर, 2018 को शुरू हुई थी। तब 4.78 लाख परिवारों को इस योजना के तहत पात्र घोषित किया गया था। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 90-10 के खर्चे में चलती है, लेकिन यह फार्मूला वास्तविक खर्च पर नहीं है, बल्कि प्रति व्यक्ति आधार पर पूर्व निर्धारित लागत से है। भारत सरकार ने बाद में 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को भी बिना औपचारिकता इस स्कीम में ले लिया।

राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना का के्रडिट लेने के बावजूद राज्य को एक्चुअल खर्च का भुगतान नहीं हो रहा है। राज्य में अब तक 3.71 लाख लोगों को फ्री इलाज दिया जा चुका है, जिस पर 485 करोड़ का खर्चा हुआ है, लेकिन इसमें से केंद्र सरकार ने सिर्फ 260 करोड़ का भुगतान किया, जबकि राज्य सरकार को करीब 150 करोड़ खर्च करना पड़ा है।
यदि सिर्फ वर्ष 2024-25 की बात करें तो केंद्र सरकार ने करीब 50 करोड़ जारी किए, जबकि राज्य सरकार को इस स्कीम पर 57 करोड़ रुपए लगाने पड़े। पिछले भुगतान के लंबित होते देख वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार ने इस खर्च को नियंत्रित करते हुए हाथ पीछे खींच लिए। इसलिए अब 100 करोड़ से ज्यादा का भुगतान लंबित हो गया है। केंद्र ने वर्तमान वित्त वर्ष की पहली किस्त के तौर पर हाल ही में करीब 25 करोड़ जारी किए हैं, लेकिन पिछला खर्चा लंबित होने के कारण इसका कुछ ज्यादा लाभ नहीं हुआ।
 
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